रामपुर। शत्रु संपत्ति को अवैध तरीके से कब्जा कर जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल करने के मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां समेत 14 के विरुद्ध न्यायालय ने आरोप तय कर दिए हैं। न्यायालय में आरोप पढ़कर सुनाए गए। इस दौरान आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला की वीडियो कांफ्रेंस से पेशी हुई, जबकि बाकी आरोपित न्यायालय में स्वयं पहुंचे।
यह मामला वर्ष 2019 का है। तब आजम खां के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें अजीमनगर थाना में शत्रु संपत्ति कब्जाने के भी मामले हैं। इन मुकदमों में आरोप है कि आजम खां ने शत्रु संपत्ति पर कब्जा कर उसे जौहर यूनिवर्सिटी में मिला लिया। आजम खां जौहर ट्रस्ट के चेयरमैन भी हैं। पुलिस ने जांच पूरी कर ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारियों समेत 15 के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किए थे।
नामजद आरोपितों में आजम खां के अलावा उनके बड़े बेटे अदीब आजम, छोटे बेटे अब्दु्ल्ला, उनकी पत्नी डा. तजीन फात्मा, चमरौआ विधायक नसीर अहमद खां, जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन सलीम कासिम, मुख्ताक अहमद सिद्दीकी, निकहत अफलाक, याहूदा मान सिद्दीकी आदि हैं। इनमें सलीम कासिम की मृत्यु हो चुकी है। मामले की सुनवाई एमपीए-एमएल स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है।
आरोपितों की ओर से आरोप पत्र पर डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र दिया था, जिस पर अभियोजन की ओर से आपत्ति दाखिल की गई थी। आपत्ति पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। गुरुवार को न्यायालय ने सभी 14 मुलजिमों पर आरोप तय कर दिए हैं। अब मुकदमे में अभियोजन की ओर से गवाही की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सहायक अभियोजन अधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि न्यायालय इस मामले में 23 फरवरी को सुनवाई करेगी।