गौरीगंज अमेठी। जनपद में आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय सभागार में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया, उक्त कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 अंशुमान सिंह ने बताया कि जनपद में आई0डी0ए0/एम0डी0ए0 कार्यक्रम 10 फरवरी 2024 से 28 फरवरी 2024 तक संचालित किया जायेगा, जिसमें सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार व शुक्रवार को एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों तथा व्यक्तियों को आशा/आंगनबाड़ी के माध्यम से घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जायेगी तथा छूटे हुए व्यक्तियों को बुधवार व शनिवार में मापअप राउन्ड चलाकर दवा खिलाई जायेगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है, जिसे सामान्यतया हाथी पांव के नाम से जाना जाता है। उक्त रोग से ग्रसित व्यक्तियों में पैरों-हाथों में सूजन, पुरूषों में हाइड्रोसील व महिलाओं में ब्रेस्ट में सूजन के लक्षण पाये जाते है।
विगत वर्ष में जनपद में फाइलेरिया के 2265 रोगी पाये गये जिसमें रूग्णता प्रबन्धन हेतु 1892 लिंफोडिमा के रोगियों को किट वितरण करते हुए उन्हें प्रभावित अंग की साफ-सफाई का प्रशिक्षण दिया गया एवं कार्यक्रम के दौरान पाये गये 373 हाइड्रोसील रोगियों में से 317 रोगियों का आपरेशन किया गया। उन्होंने बताया कि इस अभियान में 15 दिनों तक जनपद के प्रत्येक घर में दो सदस्यीय 1783 टीम द्वारा गृह भ्रमण किया जायेगा तथा 304 पर्यवेक्षकों द्वारा टीमों का सुपरविजन किया जायेगा एवं गृह भ्रमण करने वाली टीमों के द्वारा आईवरमेटिन 3 एम0जी0 टैबलेट लम्बाई के अनुसार प्रत्येक 90-120 से0मी0 को एक, 120-140 से0मी0 को दो, 140-158 से0मी0 को तीन एवं 158 से अधिक को चार टैबलेट का सेवन कराया जायेगा। इसी क्रम में उन्होंने बताया कि डी0ई0सी0 100 एम0जी0 एवं एल्बेण्डाजोल 400 एम0जी0 टैबलेट उम्र के अनुसार प्रत्येक 1-2 वर्ष को मात्र एल्बेण्डाजोल की आधी टैबलेट एवं डी0ई0सी0 टैबलेट 2-5 वर्ष को एक, 6-14 वर्ष को दो व 15 वर्ष से अधिक को तीन टैबलेट तथा एल्बेण्डाजोल टैबलेट 2 से 15 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक व्यक्ति को मात्र एक ही टैबलेट दी जायेगी।
उन्होंने बताया कि जनपद की कुल जनसंख्या 2216041 में 01 वर्ष से ऊपर के सभी व्यक्तियों को दवा का सेवन कराया जायेगा एवं 01 वर्ष से कम आयु के बच्चे तथा गम्भीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों व गर्भवती महिलाओं को दवा का सेवन नही कराया जायेगा। अभियान के दौरान दवा खाने से छूटे हुए व्यक्ति सम्बन्धित ग्राम की आशा के घर पर उपलब्ध दवा का सेवन कर सकते है तथा फाइलेरिया रोग से ग्रसित व्यक्तियों द्वारा दवा सेवन के उपरान्त चक्कर आना, जी मचलाना, उल्टी आना या हल्का बुखार आदि की समस्या पुनः 1-2 घंटे में सामान्य हो जाती है तथा गम्भीर समस्या के समाधान हेतु ब्लाक व जिला स्तर पर रैपिड रिस्पान्स टीम का गठन किया गया है। इस सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि अभियान को सफल बनाने के दृष्टिगत जनपद में आशा, आंगनबाड़ी व वालेन्टियर के माध्यम से दवा का सेवन कराया जायेगा तथा आशा संगिनी, ए0एन0एम0, स्वास्थ्य कार्यकर्ता पु0, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक पु0, बी0पी0एम0, बी0सी0पी0एम0, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी व चिकित्सा पर्यवेक्षण तथा सामु0स्वा0 केन्द्र के अधीक्षक ब्लाक स्तर पर कार्यक्रम के नोडल का कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि सम्बन्धित क्षेत्र की आशा एवं सुपरवाइजर अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि/ग्राम प्रधान/कोटेदार एवं स्कूल प्रधानाचार्य/संचालकों से मिलकर आई0डी0ए0/एम0डी0ए0 कार्यक्रम में सहयोग देने के साथ ही एवं ग्राम प्रधान द्वारा आई0डी0ए0/एम0डी0ए कार्यक्रम का उद्घाटन किया जायेगा।