बदायूं। प्राथमिक विद्यालय अन्तुईया, विकासखंड कादर चौक में डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन की 128वीं जयन्ती मनाई गई। विद्यालय में कला प्रतियोगिता आयोजित कराई गई, जिसमें सफल प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। नोडल शिक्षक संकुल ज़मीर अहमद ने बताया कि डॉ० ज़ाकिर हुसैन 8 फ़रवरी, 1897 ई० को हैदराबाद में जन्मे, मूल रूप से अफगानी पश्तून परिवार से ताल्लुक रखने वाले डॉ. जाकिर हुसैन ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ा योगदान दिया। स्वतंत्रता सेनानी एवं भारत के तीसरे राष्ट्रपति तथा प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति थे, जिनका कार्यकाल 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक था। डॉ० जाकिर हुसैन के अनुसार शिक्षा के वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। – वर्तमान समय के विद्यालय बालक को बौद्धिक व व्यावसायिक ज्ञान प्रदान कर रहे हैं। उनके अनुसार विद्यालय को ऐसे व्यक्ति का निर्माण करना चाहिए जो स्वयं सोच सके व देश का विकास कर सके। महात्मा गांधी की तरह डॉ० जाकिर हुसैन ने शिक्षा के साध्य एवं साधन दोनों पक्षों को महत्वपूर्ण माना है। वे कहते थे कि शिक्षा यदि एक साधन है तो उसे व्यवस्थित चलना चाहिए तथा उसके द्वारा ईमानदार, चरित्रवान, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समाज का निर्माण हो जो मानवीय मूल्यों से युक्त हों। इस मौके पर ज़मीर अहमद, काज़िम अली, मीना रानी, गीता देवी, कमलेश कुमारी आदि थे।