पाकिस्तान : पाकिस्तान की जनता गुरुवार को आम चुनावों के लिए मतदान किया। इस चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 12 करोड़ से अधिक मतदाताओं का पंजीकरण किया था। इन चुनावों के जरिए यहां की आवाम अपने पांच साल का भविष्य तय करेगी। बीते पांच वर्षों में यहां की सियासत ने गठबंधन की बनती-टूटती सरकारों से लेकर बहुत कुछ देखा है। जहां पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल हुई तो वहीं एक अन्य पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ स्व-निर्वासन में रहे। देश ने महंगाई, डूबती अर्थव्यवस्था और हिंसा का भी दौर देखा है। इस चुनाव से देश की सूरत कितनी बदलेगी, यह भविष्य के गर्त में है।
पाकिस्तान में पिछले चुनाव के नतीजे किसके पक्ष में थे?
25 जुलाई 2018 को पाकिस्तान में नई सरकार चुनने के लिए के लिए लोगों ने मतदान किया था। हालांकि, इस चुनाव में हिंसा और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप लगे। अगले दिन यानी 26 जुलाई 2018 को आए नतीजों में पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। हालांकि, गठबंधन बनाने के लिए इमरान को अन्य दलों से साथ लेना पड़ा। कुछ सप्ताह बाद वह देश के प्रधानमंत्री चुन लिए गए।
चुनाव के बाद क्या-क्या हुआ?
9 अप्रैल 2022 को पाकिस्तान की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम हुआ। विपक्ष दल संसद में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास मत लेकर आए जिसमें इमरान खान की हार हुई। बाद में विपक्षी दलों ने एक मिली-जुली सरकार बनाई। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
सत्ता से बेदखल होते ही मानों इमरान खान के बुरे दिन शुरू हो गए। 3 नवंबर 2022 को लाहौर में एक रैली में गोलीबारी में इमरान घायल हो गए। इस घटना में इमरान के एक समर्थक की मौत हो गई और नौ लोग घायल हो गए। वहीं इमरान की पार्टी पीटीआई ने इस हमले को हत्या का प्रयास बताया।
सियासी घटनाक्रमों के बीच सैन्य और कूटनीतिक क्षेत्रों में भी पाकिस्तान के लिए अच्छे नहीं रहे। नवंबर 2022 में पाकिस्तान में मौजूद तालिबान संगठन ने सरकार के साथ संघर्ष विराम तोड़ दिया। इसके साथ ही तालिबानी लड़ाकों ने देशभर में दोबारा हमले करने शुरू कर दिए। तालिबान ने मुख्य रूप से पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को निशाना बनाया।
नवंबर 2022 के अंत में यहां की प्रभावशाली माने जाने वाली सैन्य सत्ता भी बदल गई। कई साल बाद जनरल कमर जावेद बाजवा सेना प्रमुख के पद से हटे और उनकी जगह जनरल असीम मुनीर ने सेना की कमान संभाली।
इमरान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हिंसक घटनाएं
9 मई 2023 को पूर्व पीएम इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया। जब वह भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर अदालत पहुंचे तो उनकी गिरफ्तारी कर ली गई। इसके बाद समर्थकों ने कई दिनों तक देशव्यापी हिंसक प्रदर्शन किए। उधर 5 अगस्त 2023 को एक अदालत ने इमरान खान को भ्रष्टाचार का दोषी ठहरा दिया। इसके साथ ही उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई गई। उन्हें पंजाब प्रांत की उच्च सुरक्षा वाली अटॉक जेल में डाल दिया गया। यह इमरान के खिलाफ 150 से अधिक कानूनी मामलों में पहली सजा थी।
9 अगस्त 2023 को पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया। इससे आगामी आम चुनाव का रास्ता तैयार हो गया। अक्टूबर 2023 में पूर्व पीएम नवाज शरीफ चार साल के स्व-निर्वासन के बाद पाकिस्तान लौट आए। शरीफ भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की सजा से बचने के लिए विदेश चले गए थे। वतन वापसी के बाद अपील पर उनकी दोषसिद्धि और सजा को पलट दिया गया।
इस साल 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक दोषसिद्धि वाले राजनेताओं के चुनाव लड़ने पर लगे आजीवन प्रतिबंध को हटा दिया। इससे नवाज शरीफ के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया।
30 जनवरी 2024 को गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने का दोषी पाए जाने पर इमरान खान को 10 साल जेल की सजा सुनाई गई। अगले दिन 31 जनवरी को इमरान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को भ्रष्टाचार के आरोप में 14 साल की सजा सुनाई गई। वहीं 3 फरवरी को इमरान खान और उनकी पत्नी को इस आरोप में सात साल की सजा सुनाई गई कि उन्होंने 2018 में शादी करके देश के शादी कानून का उल्लंघन किया था। इस तरह से इमरान खान को चार तो उनकी पत्नी को दो मामलों में सजा सुनाई गई है।