नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तथ्यों से छेड़छाड़ कर यूपीए सरकार पर अनर्गल टीका-टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि बेरोजगारी से लेकर आर्थिक विकास दर और महंगाई से लेकर आयात-निर्यात संतुलन जैसे हर मोर्चे पर भाजपा सरकार कमजोर साबित हुई है।
कांग्रेस ने पीएम के बयान पर किया पलटवार
राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दोनों सदनों में राष्ट्रपति अभिभाषण पर जवाब के दौरान पीएम की ओर से किए बेहद तीखे हमले पर पलटवार करते हुए कहा कि पीएम ने अनगिनत झूठ के सहारे यूपीए और कांग्रेस को कोसा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने बयान जारी कर कहा कि पीएम मोदी को इसका जवाब देना चाहिए कि यूपीए सरकार के समय बेरोजगारी दर 2.2 प्रतिशत थी मगर उनके कार्यकाल में यह 45 सालों में सबसे ज्यादा क्यों है? यूपीए के 10 सालों में दौरान जीडीपी विकास दर औसतन 8.13 रही तो उनके शासन में केवल 5.6 प्रतिशत क्यों?
खरगे ने वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट का किया जिक्र
खरगे ने कहा कि वर्ल्ड बैंक की मानें तो 2011 में ही भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। हमने 10 साल में 14 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। लेकिन पीएम इधर-उधर के भाषणों को कांट-छांट कर भ्रम और झूठ फैला रहें हैं। सच्चाई है कि डिजिटल इंडिया की तरक्की की बुनियाद यूपीए ने आधार और डीबीटी के जरिए रखी थी। देश की 65 करोड़ आबादी को 2014 तक आधार दिया जा चुका था। डीबीटी-पहल से सीधे सब्सिडी देने का काम शुरू हो गया था। स्वाभिमान योजना के तहत गरीबों के 33 करोड़ बैंक खाते हम खोल चुके थे।
कांग्रेस ने एनडीए का मतलब बताया
खरगे ने कहा कि पीएम मोदी 10 सालों से शासन में हैं मगर अपनी बात करने की बजाय केवल कांग्रेस को कोसते रहे और महंगाई, रोजगार, आर्थिक समानता की कोई बात नहीं की। असल वजह है कि इस सरकार के पास कोई डाटा नहीं है। एनडीए का मतलब ही नो डाटा एवलेवल सरकार है। जनगणना आर्थिक सर्वेक्षण नहीं हुआ, रोजगार, स्वास्थ्य सर्वेक्षण का डाटा नहीं और सरकार सारे आंकड़े छिपा कर झूठ फैलाती है। खरगे ने पीएम की गारंटी पर सियासी तंज कसते हुए कहा कि झूठ फैलाना ही ‘मोदी की गारंटी’ है।
मोदी सरकार की नीतियों पर प्रहार करते हुए खरगे ने कहा कि सरकारी कंपनियों को लेकर वह ”बेचो और लूटो” की नीति अपना रही है। अप्रैल 2022 तक 147 सार्वजनिक उपक्रमों को पूरा या आधा बेच दिया गया। सरकारी नौकरियों की भर्ती ठप है और सरकार में 30 लाख पद खाली पड़े है जिसमें एससी-एसटी और ओबीसी के सबसे अधिक पद रिक्त हैं।
उन्होंने कहा कि रेलवे, स्टील, नागर विमानन, रक्षा (गैर सैनिक) और पेट्रोलियम इन पांच मंत्रालयों में करीब तीन लाख पद खाली हैं। पीएम एकलव्य स्कूल की बात करते हैं पर यह नहीं बताते कि उनमें 70 फीसद शिक्षक ठेके पर हैं। खरगे ने कहा कि यह दिल दुखाने वाली बात है कि पिछले 10 वर्षों में हमारे निर्यात और आयात के बीच का अंतर तीन गुना बढ़ गया है। इस तथ्य को जानते हुए भी सरकार इसे समस्या के रूप में स्वीकार नहीं करती और सुधार नहीं करती।