Pakistan election 2024: इंतजार का पल समाप्त हो चुका है. पाकिस्तान में गुरुवार (8 फरवरी 2024) को नेशनल असेंबली के लिए मतदान हैं. पूर्व पीएम नवाज शरीफ रेस में सबसे आगे नजर आ रहे हैं. आम चुनाम में करीब 150 पार्टियां अपनी किस्मत आजमा रही हैं और लगभग 6,500 उम्मीदवारों की साख दाव पर लगी हुई है. इसमें पुरुष उम्मीदवारों की संख्या सबसे अधिक है. कई महिला उम्मीदवार भी मैदान में उतरी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक करीब 5 प्रतिशत महिलाएं आम चुनाव में दावेदारी पेश कर रही हैं.
पाकिस्तान की संविधान के अनुसार प्रांतीय और राष्ट्रीय विधानसभाओं में महिलाओं के लिए कुछ सीटें आरक्षित हैं, लेकिन पार्टियां शायद ही कभी महिलाओं को उस कोटा के बाहर चुनाव लड़ने की अनुमति देती हैं. चुनाव से पहले एएफपी ने जीत के लिए प्रयासरत 3 महिला उम्मीदवारों का खास इंटरव्यू लिया है, जो इस प्रकार है-
इस्लामिक इन्फ्लुएंसर
पाकिस्तानी महिला यूट्यूबर जेबा वकार के सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोवर हैं. हालांकि, वह पहली बार किसी चुनाव के लिए मैदान में हैं. जेबा जमात-ए-इस्लामी की तरफ से शिरकत कर रही हैं, जो धर्म पर आधारित एक दक्षिणपंथी पार्टी है.
जेबा अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए आए दिन पाकिस्तानी महिलाओं को इस्लाम के अनुसार उनके अधिकारों के बारे में बताती रहती हैं. यही नहीं वह इस्लामी इतिहास के बारे में भी जानकारियां साझा करती रहती हैं.
एएफपी के सवालों का जवाब देते हुए जेबा ने कहा कि उनकी पसंदीदा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और यूट्यूब है. यहां लाइव आते हुए वह अपने फैन के साथ जुड़ती हैं. इस दौरान वह उन सवालों का भी जवाब देती हैं, जो फैंस उनसे पूछते हैं.
जेबा का मानना है कि कुरान की शिक्षा को सीमित नहीं रखना चाहिए… हम इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए इसका प्रसार कर सकते हैं. आम चुनाव में अगर उन्हें सफलता हाथ लगती है तो वह महिलाओं के उत्पीड़न को कम करने के लिए मजबूत कानून बनाने की कोशिश करेंगी.
त्रासदी से विजय की ओर
समर हारून बिलौर पाकिस्तान में युवाओं के सपनों की पक्षधर मानी जाती हैं. उन्होंने एक कमरे में पार्टी की योजनाओं के बारे में बात करते हुए दर्जनों पुरुषों को संबोधित किया था. इसके बावजूद 2018 चुनाव के दौरान बैनरों से उनका नाम और तस्वीर गायब थी. एएफपी के साथ हुई बातचीत के दौरान उन्होंने बताया पुरुषों को युवा और मुखर पश्तूनी महिलाएं नहीं पसंद हैं.
बिलौर ने दुखद पूर्ण परिस्थितियों में चुनाव का रुख किया था. चुनाव से पहले आतंकवादियों ने उनके पति की हत्या कर दी थी. ऐसी स्थिति में उन्होंने अपने पति के अभियान को आगे बढ़ाया था.
समर हारून बिलौर का कहना है कि उनके पति के हत्या की जिम्मेदारी तालिबान ने ली थी. तालिबान इस क्षेत्र का सबसे खतरनाक और सक्रिय आतंवादी संगठन है. इनका कुछ समय तक यहां के कई क्षेत्रों पर नियंत्रण था.
धार्मिक सद्भावना
सवेरा प्रकाश एक हिंदू महिला हैं. राजनीति से संबंधित उनके बारे में बेहद काम जानकारी मिलती है. उनको हाल ही में डॉक्टर के रूप में स्नातक की उपाधि प्राप्त हुई है. उनके पिता सिख हैं, जबकि मां ईसाई धर्म से आती हैं. प्रकाश का मानना है कि दुनिया का कोई भी धर्म किसी इंसान को बुरा कर्म करने के लिए प्रेरित नहीं करता है. प्रत्येक धर्म व्यक्ति को अच्छे कर्म करने के लिए प्रोत्साहित करता है. प्रकाश का यह बड़ा बयान उनके मजबूत मानसिकता को दर्शाता है.