-अवैध कब्जे की शिकायतों की भरमार देख कमिश्नर ने भूमाफियाओं को चिन्हित कर कार्रवाई के दिए थे आदेश
-मरहला स्थित हनुमान ज़ी की जमीन को धड़ल्ले से बेंच रहे भूमाफिया
शुक्लागंज उन्नाव। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार उत्तर प्रदेश में सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही की जाएगी। निर्देश के अनुसार सरकारी भूमि, तालाब आदि को चिन्हित किया जाए। चिन्हित करने के दौरान यदि ऐसा लगता है कि उस पर किसी भूमाफिया या स्थानीय दबंग व्यक्ति द्वारा कब्जा किया गया है तो उस निर्माण को अभियान के तहत ध्वस्त करवा दिया जाए और कब्ज़ा करने वालों पर ठोस कार्रवाई की जाये। वहीं सारे आदेशों को ताक में रखते हुए उन्नाव जिले के भूमाफियाओं के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि वे सरकारी भूमि और तालाब के साथ साथ अब भगवान की ज़मीन पर भी कब्ज़ा कर अवैध रूप से बेंच रहे हैं। शासन प्रशासन से लेकर हाईकोर्ट तक हनुमान ज़ी की जमीन पर किये गए कब्जे की शिकायत पर कोई कार्रवाई न होने से परेशान पीड़ित ने मंगलवार को जिले में आयोजित जनता दर्शन में पहुंचकर कमिश्नर डॉ रोशन जैकब से जाँच कर कार्रवाई की मांग की है।
मामला गंगाघाट के मरहला चौराहे के ग्राम सभा फत्तेपुर स्थित हनुमान बाग के नाम से प्रसिद्ध हनुमान ज़ी की ज़मीन का है जहाँ हनुमान जी का प्राचीन मंदिर भी है। उक्त मामले मे शासन-प्रशासन से लेकर न्यायालय की चौखट तक अपनी गुहार लगा चुके कटहादल नारायणपुर गंगाघाट के रहने वाले अयोध्या प्रसाद मंगलवार को जिला उन्नाव में आयोजित जनता दर्शन में पहुचे जहाँ कमिश्नर डॉ रोशन जैकब को हनुमान ज़ी की ज़मीन पर हो रहे कब्जे की शिकायत करने की बात बताई है। अयोध्या प्रसाद ने बताया कि भूखंड 68 से लेकर 87 तक कुल 21 गाटा में 9 बीघा 5 बिसवा का वसीयत के आधार पर मालिक और काबिज है। वसीयत में शेष 10 बिसवा हनुमान बाग़ के हनुमान ज़ी को दी गई है।
आरोप है कि कानपुर निवासी रतन टंडन द्वारा सन 2003 मे सन 1993 का फर्जी वसीयत नामा तैयार कर हनुमान ज़ी की आधी ज़मीन रंगाई,पुताई व चारो ऒर बाउंड्री वाल करवाने को लेकर बेंचने की अनुमति ले ली जिसके बाद सन 2004 मे अपना नाम हनुमान ज़ी के साथ खतौनी मे दर्ज करवा दिया। नाम खतौनी मे दर्ज होने के बाद हनुमान ज़ी कि ज़मीन के साथ साथ पीड़ित अयोध्या की ज़मीन भी धड़ल्ले से बेंची जा रहीं है। हनुमान ज़ी के खाते मे नहीं आया ज़मीन बिक्री का एक भी पैसा आरोप लगाते हुए अयोध्या प्रसाद ने बताया कि खतौनी मे हनुमान ज़ी के साथ रतन टंडन का नाम दर्ज होते ही भूमि संख्या 76,77,78,79,80,81 रकबा करीब 4 बीघा को रंगाई पुताई व बाउंड्री वाल कराने के बहाने बेंच दिया गया जिसका सारा पैसा हनुमान ज़ी के खाते मे जमा न कर स्वयं के खाते मे करवा लिया गया।
मामले कि जानकारी होने पर ग्राम सभा फत्तेपुर द्वारा मामला दर्ज होने पर तहसील दार उन्नाव द्वारा 7 सितम्बर 2011 को रतन टंडन का नाम खतौनी से निरस्त करने का आदेश कर दिया गया। उक्त मामले मे हुई कार्रवाई के चलते सन 2012 मे न्यायालय ने निरस्तीकरण का आदेश कर दिया। न्यायालय के आदेश को ठेंगा दिखा धड़ल्ले से ज़मीन की बिक्री जारी उक्त मामले मे सन 2012 मे न्यायालय द्वारा ज़मीन बिक्री पर रोक लगाए जाने के बावजूद ज़मीन को धड़ल्ले से बेंचा जाने लगा जिसकी शिकायत मई सन 2018 मे उच्च न्यायालय लखनऊ पीठ मे अयोध्या प्रसाद द्वारा किये जाने पर ज़मीन बिक्री पर पुनः रोक लगा दी गई। अयोध्या ने बताया की बावजूद इसके ज़मीन को धड़ल्ले से बेंचा जाने लगा। अयोध्या ने बताया कि ज़मीन कि धड़ल्ले से बिक्री मे 300 वर्ग गज मरहला चौराहे स्थित एक हॉस्पिटल को बेंचा और बाक़ी कि करीब 4 बीघा ज़मीन नगर के रहने वाले भूमाफिया गैंगस्टर को सन 2023 मे बेंच दी गई। जिसमे भूमाफिया गैंगस्टर द्वारा पास पड़ी करीब 1 बीघा ग्राम सभा कि बंजर ज़मीन को शामिल कर बाउंड्री वाल करा लिया गया।