भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होना है. ये चुनाव तय करेगा कि पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा. हालांकि पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव की प्रक्रिया लगभग भारत जैसी ही है. आज हम आपको बताएंगे कि पाकिस्तान में कितने सीट पर चुनाव होंगे और प्रधानमंत्री बनने के लिए कितनी सीट की जरूरत है.
कितनी सीटों पर होता है पाकिस्तान में चुनाव?
भारत की तरह पाकिस्तान में भी चुनाव होता है. भारत में जैसे राज्यसभा का चुनाव होता है, वैसे ही पाकिस्तान में अलग अलग राज्यों के असेंबलियों के सदस्य पाकिस्तानी सीनेट का चयन करते हैं. वहीं निचले सदन में सदस्यों को आम चुनावों के माध्यम से चुना जाता है. बता दें कि पाकिस्तान में कुल 342 सीटें हैं, इनमें से 272 सीटों पर सीधे चुनाव होता है, जबकि 70 सदस्यों को खास तरह से चुना जाता है. इनमें से 60 सीटें महिलाओं के लिए पहले से रिजर्व रहती हैं, जबकि 10 सीटें देश के पारंपरिक और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के लिए आरक्षित हैं. हालांकि इनका चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व नियम के तहत होता है. इसका अर्थ ये है कि जो पार्टी जितनी सीटें जीतती है, उसी के सदस्य अधिक नामित होते हैं.
पीएम बनने के लिए कितनी सीट की जरूरत
8 फरवरी को होने वाले चुनाव में जनता नेशनल असेंबली के लिए वोटिंग करेगी. इसमें पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के 272 सांसद चुने जाएंगे. चुनाव का परिणाम आने के बाद फिर जिस भी पार्टी या गठबंधन के पास बहुमत होता है, उस पार्टी का प्रधानमंत्री बनता है.
बैलेट पेपर से वोट
पाकिस्तान चुनाव में ईवीएम मशीन का इस्तेमाल नहीं होता है. वहां पर बैलेट पेपर से वोट डाला जाता है. जानकारी के मुताबिक 8 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए 26 करोड़ बैलेट पेपर छापा गया है. जिसका कुल वजन करीब 2100 टन है. बता दें कि पाकिस्तान में तीन प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवारों के बीच टक्कर होनी है. इनमें पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज, पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) शामिल है.