लखनऊ। ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर सरकार पूरी तरह गंभीर है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद शांति-व्यवस्था बनाए रखने के बाद पुलिस को आगे भी पूरी सतर्कता बरते जाने का निर्देश दिया गया है। सभी जिलों में खुफिया इकाइयों को पूरी तरह सक्रिय रहने के साथ ही शरारती तत्वों पर कड़ी नजर रखे जाने को कहा गया है।
संवेदनशील क्षेत्रों में पेट्रोलिंग बढ़ाए जाने के साथ ही किसी भी छोटे विवाद को पूरी गंभीरता से लेकर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित कराए जाने का कहा गया है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर इंटरनेट मीडिया की लगातार निगरानी का निर्देश दिया है। कहा कि भ्रामक व आपत्तिजनक संदेशों पर कड़ी नजर रखी जाए।
किसी भी भ्रामक संदेश का तत्काल खंडन किया जाए। शरारती तत्वों की निगरानी बढ़ाए जाने के साथ ही एटीएस को सतर्क किया गया है। सभी जिलों में पुलिस अधिकारियों को धर्म गुरुओं से निरंतर संवाद व समन्वय बनाए रखने को कहा है।
डीजीपी मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेल के अधिकारियों को जिला स्तर पर समन्वय बढ़ाने का निर्देश भी दिया गया है। डीजीपी रविवार को सभी एडीजी जोन, पुलिस कमिश्नर व अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था को लेकर विशेष बैठक भी करेंगे।
कड़ी सुरक्षा और सतर्कता के बीच वाराणसी में खुली दुकानें
ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तलगृह में पूजापाठ करने के जिला जज डा.अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत के आदेश के तीसरे दिन शनिवार को स्थितियां सामान्य होती नजर आईं। दालमंडी, हड़हासराय, नई सड़क समेत अन्य सभी इलाकों में दुकानें खुल गईं। बुनकर बस्तियों में करघों की खटर-पटर शुरू हो गई।
इसके साथ शहर की गति समान्य हो चली। अदालत के आदेश के विरोध में शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष ने बंदी का एलान किया था। स्थितियां सामान्य होने के बाद भी खुफिया एजेंसियां पूरी तरह सतर्क रहीं। कमिश्नरेट और जोन की पुलिस समेत तीन हजार से अधिक जवान पूरे दिन अलर्ट पर रहे।
अपर पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था चिनप्पा शिवसिंपि, डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम, एडीसीपी चंद्रकांत मीणा भी लगातार भ्रमणशील थे। घनी आबादी में अभिसूचना इकाई और सादे वेश में पुलिसकर्मी मुस्तैद रहे। कहीं से भी तनाव जैसी कोई बात सामने नहीं आई।