हमीरपुर : हमेशा से ही बुंदेलखंड का किसान कभी सूखे तो कभी बेमौसम बरसात से जूझता चला आ रहा है। इसके साथ ही वर्तमान में किसानों की सबसे बड़ी समस्या है अन्ना मवेशी जो किसानों की दिन रात की मेहनत पर ग्रहण लगाए हुए हैं। तथा खेतों में घुसकर हरी-भरी फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि गोशालाओं के चरवाहों व ग्राम पंचायतों के प्रधानों की लापरवाही के चलते मवेशी छोड़ दिए जाते हैं जो किसानों के लिए नासूर बने हुए हैं।
सुमेरपुर विकासखंड के पत्योरा गांव निवासी किसान कल्लू विश्वकर्मा ने बताया कि जिले का किसान हमेशा किसी न किसी समस्या से जूझता रहता है। अब ऐसे में बेसहारा गोवंशियों से फसलों को बचाना मुश्किल भरा हो गया है। किसान ने बताया कि वह करीब दो बीघे में गेहूं बोये हैं। तथा दिन रात खेतों की रखवाली करते हैं इसके बाद भी बेसहारा गोवंश मौका पाते ही फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। बताया कि शनिवार को सुबह खाना खाने के बाद जैसे ही खेत पहुंचा तो एक दर्जन से ज्यादा बेसहारा गोवंश खेत घुसे थे जिनको खेत से बाहर निकालने के बाद खेत जाकर देखा तो करीब एक बीघे की फसल बर्बाद मिली। इसी तरह पास के किसान संतराम की एक बीघे व गुड्डू श्रीवास्तव तथा रघुराज निषाद के खेतों की भी कुछ फसल बेसहारा मवेशी चौपट कर गए हैं। किसानों ने बताया कि पत्योरा के खेत जलाला, बड़ागांव व सुरौली की सीमा से जुड़े हुए हैं। गांव की गोशाला के अलावा इन गांवों के भी गोवंशियों को चरवाहों की देखरेख में चरने को छोड़ा जाता है। लेकिन चरवाहों की लापरवाही के चलते गोवंश खेतों में खड़ी हरी-भरी फसलों पर ही धमाचौकड़ी मचाते हैं जिसके चलते किसानों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। किसानों ने बेसहारा गोवंशियों को गोशालाओं में बंद कर लापरवाही चरवाहों व प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।