नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता का कहना है कि सरकार के लिए आयकरदाताओं की सुविधा को बढ़ाना एक अहम प्राथमिकता है और इसके लिए लगातार कोशिश जारी रहेगी।
खासतौर पर आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया को और ज्यादा आसान बनाने की कोशिश की जा रही है। विभाग पहले से ही आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस (एआइ) का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन कोशिश यह है कि एआइ और दूसरी प्रौद्योगिक का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जाए ताकि करदाता को भी सहूलियत हो और प्रशासन का काम भी ज्यादा दुरुस्त हो।
एक करोड़ आयकर दाताओं को मिलेगी राहत
गुप्ता ने अंतरिम बजट 2024-25 पेश करने के बाद दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत में उक्त बातें कहीं। अंतरिम बजट 2024-25 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक निश्चित अवधि के दौरान विभाग की तरफ से आयकरदाताओं के जुर्माने की छोटी-छोटी राशियों की मांगों को निरस्त करने का प्रस्ताव किया था। इससे एक करोड़ आयकर दाताओं को राहत मिलने की बात भी उन्होंने कही थी।
मुश्किल प्रक्रिया से न गुजरना पड़े
इसके बारे में सीबीडीटी चेयरमैन का कहना है कि यह प्रक्रिया काफी आसान होगी और इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि इस घोषणा को इस तरह से लागू किया जाए कि जिन आयकर दाताओं को फायदा होने वाला है उन्हें किसी मुश्किल प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़े। आयकर विभाग अपने स्तर पर ही इन मांगों को निरस्त कर देगा और इन्हें विभाग के रिकॉर्ड से निकाल दिया जाएगा।
दस हजार रुपए तक की ऐसी बकाया प्रत्यक्ष कर मांगों को वापलस लिया जाएगा
इससे जुड़ी सारी सूचना ई-फाइलिंग पोर्टल में दी जाएगी ताकि संबंधित आयकरदाता भी इसे देख सके और अगर किसी चीज से उसे आपत्ति हो तो उसे सामने ला सके। वित्त मंत्री ने बताया था कि वित्त वर्ष 2009-10 तक की अवधि से संबंधित 25 हजार रुपये तक की और वर्ष 2010-11 से वर्ष 2014-15 से संबंधित 10,000 रुपये तक की ऐसी बकाया प्रत्यक्ष कर मांगों को वापस लिया जाएगा।
सीबीडीटी संभवत: भारत सरकार का पहला विभाग है, जिसने एआइ का इस्तेमाल किया है। प्रौद्योगिकी की वजह से ही आयकर विभाग बहुत ही कम श्रम-शक्ति होने के बावजूद बहुत अच्छा काम कर रहा है। सीबीडीटी में अधिकारियों के साथ ही कर्मचारियों की भी कमी है।
-नितिन गुप्ता, चेयरमैन, सीबीडीटी