निष्पक्ष प्रतिदिन/मलिहाबाद,लखनऊ।
गब्बर का खौफ मलिहाबाद इलाके में ही नहीं पुलिस को भी था। लल्लन उर्फ गब्बर हिस्ट्री सीटर था कई थानों में उसके खिलाफ एक दर्जन से अधिक मुकदमे भी दर्ज हैं। लेकिन गब्बर के खौफ की वजह से अपराधी होने के बाद भी उसका शस्त्र लाइसेंस बन गया। जिस राइफल से लल्लन उर्फ गब्बर व उसका बेटा फ़राज़ तीन लोगों की गोली मारकर हत्या किया है वह राइफल लाइसेंसी है। हालांकि पुलिस कमिश्नर लखनऊ एसबी शिरडकर और जिलाधिकारी लखनऊ सूर्यपाल गंगवार ने लाइसेंस को रद्द करने की बात कही है। पुलिस का कहना है कि शस्त्र लाइसेंस सन 2010 में बना था लेकिन पुलिस को लल्लन उर्फ गब्बर के अपराधी होने की जानकारी नहीं थी इसलिए अपराधी के शस्त्र नवीनीकरण में आख्या लगा दी गई थी। जब की जानकारी के मुताबिक लल्लन उर्फ गब्बर के विरुद्ध जितने भी मुकदमे दर्ज हुए हैं वह सन 2000 पहले के हैं। यह एक बड़ा सवाल है कि आपराधिक मुकदमे होने के बाद भी आखिरकार लल्लन का शस्त्र लाइसेंस कैसे बन गया। लल्लन उर्फ गब्बर ने तमाम जीव और पक्षियों की भी हत्या की है। लोग बताते हैं कि लल्लन उर्फ गब्बर शिकार करने का शौकीन है। वह अक्सर जंगलों और गांव के बाहर जाकर अपनी राइफल से तमाम पक्षियों की हत्या की है।