ऐसा कंकाल, जिसका 40 माह बाद हुआ अंतिम संस्कार…

 इटावा। पहचान न होने से जो कंकाल लावारिस मानकर 40 माह से पोस्टमार्टम हाउस में रखा था, उसका अंतिम संस्कार गुरुवार को कर दिया गया। दोबारा कराई गई डीएनए जांच में स्पष्ट हो गया है कि कंकाल सलेमपुर की रीता का ही था।

मामले का संज्ञान इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी लिया था और अंतिम संस्कार में देरी पर प्रदेश सरकार और पुलिस से जवाब तलब किया था। बेटी को पहचान दिलाने के लिए मां और पिता ने दर-दर की ठोकरें खाईं। मृत ही सही, बेटी को गांव की मिट्टी नसीब होने से उनकी आंखें न्याय मिलने की खुशी से डबडबाई दिखीं।

क्या है मामला? 

जसवंतनगर थाने के ग्राम चक सलेमपुर की 22 वर्षीय रीता उर्फ मोनी 19 सितंबर 2020 को घर से निकली, लेकिन लौटी नहीं। स्वजन ने उसकी तलाश की, न मिलने पर 22 सितंबर को गुमशुदगी दर्ज कराई थी। 26 सितंबर को गांव के पास ही दीवान सिंह के बाजरे के खेत में मानव कंकाल मिला।

पास में पड़ीं चप्पलें, कपड़े और पानी का डिब्बा देखने के बाद कुंअर सिंह और उनकी मां भगवान देवी ने कंकाल बेटी रीता का होने का दावा किया। पुलिस ने लखनऊ की लैब में डीएनए जांच कराई। करीब तीन वर्ष गुजर गए और दंपती पोस्टमार्टम हाउस में रखी बेटी की अस्थियां मिलने की उम्मीद में भटकते रहे।

रिपोर्ट 10 अक्टूबर 2023 को आई तो पता चला कि दंपती का डीएनए कंकाल से नहीं मिल रहा। इसके बाद पुलिस ने कंकाल देने से इन्कार कर दिया और दंपती से सुबूत मांगे। ऐसे में कंकाल अबूझ पहेली बनकर रह गया। छह नवंबर 2023 को पुलिस ने अंतिम संस्कार करने का प्रयास किया, लेकिन रीता के मां-पिता ने इसका विरोध किया।

इस पर पुलिस पीछे हट गई। मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो पुलिस ने दोबारा पड़ताल शुरू की और कंकाल की फिर से डीएनए जांच कराई। हैदराबाद की सेंट्रल फोरेंसिक लैब से आई रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया कि कंकाल रीता का ही है। एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि कंकाल की अंत्येष्टि कुंअर सिंह के खेत में गुरुवार को कर दी गई।

हाई कोर्ट ने अंतिम संस्कार न होने पर जताई थी चिंता

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 27 अक्टूबर 2023 को संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और पुलिस से रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा था। कंकाल के अंतिम संस्कार में देरी की वजह भी पूछी थी और विवेचना व शव को संरक्षित करने की पूरी टाइम लाइन केस डायरी व डीएनए जांच की रिपोर्ट मांगी थी।

सुनवाई के लिए 20 नवंबर 2023 की तिथि तय की गई। सरकार ने इस संबंध में हाई कोर्ट में बताया कि डीएनए रिपोर्ट के अनुसार कंकाल रीता का नहीं है। इसके बाद भविष्य में निर्देश तय करने के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित की थी।

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