रांची। जमीन घोटाले में ईडी द्वारा हो रही जांच के बाद हेमंत सोरेन के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर भारतीय जनता पार्टी सीधे तौर पर उत्साह नहीं दिखा रही है। लेकिन, हेमंत सोरेन पर भाजपा नेताओं का सीधा हमला पिछले चार साल से जारी हैं। बाबूलाल मरांडी के भाजपा में शामिल होने के साथ ही भाजपा ने एक मजबूत आदिवासी चेहरे को अपने साथ खड़ा कर लिया। सबसे पहले विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता बनाए गए बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन और उनके परिवार के भ्रष्टाचार का मामला उठाया।
उनके आरोप को पूर्व मुख्यमंत्री और अब ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने तब और बल दिया जब हेमंत सोरेन पर खान मंत्री रहते पत्थर खनन का पट्टा लेने के दस्तावेज सामने रख दिए। अब शिबू सोरेन के परिवार पर हुई इस कार्रवाई को भाजपा अपने भ्रष्टाचार के लगाए आरोपों पर हुई कार्रवाई बता रही है।
आदिवासी वोट के नुकसान का है खतरा
हेमंत सोरेन के साथ राज्य के आदिवासी वोट का बड़ा समूह रहा है। अपने पिता शिबू सोरेन की विरासत को संभाल रहे हेमंत की गिरफ्तारी से आदिवासी समाज में भाजपा के प्रति नाराजगी बढ़ सकती है। इसी वजह से भाजपा इस गिरफ्तारी को राजनीतिक रंग देने से बच रही है। गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने इंटरनेट मीडिया पर हेमंत सोरेन के खिलाफ मोर्चा खोले रखा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सोरेन परिवार पर राज्य के संसाधनों की लूट में शामिल होने का आरोप लगाते रहे। उन्होंने इसे आदिवासी युवाओं के हक से जोड़ा और समाज के लिए नुकसानदायक बताया। अब जबकि विपरीत परिस्थिति आई है तो भाजपा इसको किस हद तक अपने हक में भुनाएगी, यह देखना होगा।