नई दिल्ली। एक गर्भवती स्त्री को समय समय पर सभी प्रकार के स्कैन और जांच कराते रहना चाहिए जिससे अगर किसी प्रकार के कॉम्प्लिकेशन या कमियां हैं तो समय रहते उसका पता लगाया जा सके और उचित इलाज किया जा सके। कॉम्प्लिकेशन की श्रेणी में एक बहुत ही जरूरी जानकारी जो सभी को होनी चाहिए, वह है प्लेसेंटा प्रीविया।
प्रेग्नेंसी के दौरान प्लासेंटा का निर्माण होता है, जो मां से बच्चे तक, अंबिकल कॉर्ड के जरिए, ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाता है। प्लासेंटा प्रिविया की कंडिशन तब होती है, जब प्लासेंटा सर्विक्स के कुछ हिस्से या पूरे हिस्से को ढक देता है। इस कारण से बच्चे के सर्विक्स के जरिए बाहर आने का रास्ता बंद हो जाता है, जो काफी कॉम्पलिकेशन्स की वजह बन सकता है। आमतौर पर प्लासेंटा तीसरे ट्राइमेस्टर में यूटेरस के ऊपरी भाग में शिफ्ट हो जाएगा, लेकिन जब प्लासेंटा ऊपर शिफ्ट नहीं हो पाता है, तब प्लासेंटा प्रीविया की समस्या हो जाती है।
प्लेसेंटा प्रीविया कई ग्रेड के हो सकते हैं जैसे –
ग्रेड 1 – यह माइनर प्लेसेंटा प्रीविया है। इसमें प्लेसेंटा सर्विक्स को ढंकता नहीं है, मात्र नीचे की तरफ शिफ्ट होता है।
ग्रेड 2 – यह मार्जिनल प्लेसेंटा प्रीविया है। इसमें प्लेसेंटा के नीचे का हिस्सा सर्विक्स तक पहुंच जाता है।
ग्रेड 3 – यह पार्शियल प्लेसेंटा प्रीविया है। इसमें प्लेसेंटा आधे सर्विक्स को ढंकता है।
ग्रेड 4 – यह कंप्लीट प्लेसेंटा प्रीविया है। इसमें पूरे सर्विक्स को प्लेसेंटा कवर कर देता है।
प्लेसेंटा प्रीविया कितना गंभीर?
प्लेसेंटा प्रीविया का सबसे गंभीर संकेत यही है कि अचानक से भारी ब्लीडिंग हो सकती है।
यह ब्लीडिंग सामान्य भी हो सकती है और खुद से ही रुक भी सकती है। वहीं दूसरी तरफ यह गंभीर भी हो सकती है और इमरजेंसी में महिला को हॉस्पिटल में एडमिट भी करना पड़ सकता है।
कुछ महिलाओं को पीरियड के दौरान होने वाले क्रैंप की तरह दर्द भी होता है।
प्लेसेंटा प्रीविया की गंभीरता इसके ग्रेड पर बहुत अधिक निर्भर करती है। ग्रेड जितना अधिक बढ़ता जायेगा, गंभीरता भी उतनी ही बढ़ती जायेगी।
इसलिए डॉक्टर के निर्देश के अनुसार बेड रेस्ट करें, अधिक न झुकें, झटके वाले कोई काम न करें, यात्रा से बचें और किसी भी प्रकार की ब्लीडिंग होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।