बरेली: शहर से लेकर देहात तक आवारा सांडों का आतंक है। सांड के हमले से कई लोग चोटिल तो कई अपनी जान गवा चुके हैं। लेकिन सांडों को पकड़वाने के लिए अधिकारी आगे नहीं आ रहे हैं। जिसका नतीजा एक महीने में बात करें तो सांड के हमले से तीन लोगों की मौत हो चुकी है।
लोगों में सांड को लेकर दहशत है। करीब पचास से ज्यादा लोग इनके हमसे से घायल हो चुके हैं। जिम्मेदार अधिकारी भी इससे पल्ला झाड़ते नजर आा रहे हैं। गौवंशीय पशुओं से जहां खेत की फसले नष्ट हो रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ सांड के हमले से किसानों की जान जा रही है।
किसान रात में जाग कर फसलों की रखवाली कर रहा है। तो वहीं दिन में आवारा सांड लगातार हमलावर हो रहे हैं। बात करें तो एक महीने में तीन लोगों को सांड मौत की नीद सुला चुके है।
तीन जनवरी को सीबीगंज के मथुरापुर इलाके में एक सांड ने पीके नमकीन के सुपरवाइजर अनील को बााइक से फैक्ट्री जाते समय घेर लिया और सींगों के से हमला कर उन्हें जमीन पर पटक दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उपचार के दौरान उन्होंने जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया।
दूसरी घटना में प्रेमनगर के डेलापीर के पास झूलेलाल पार्क केपास नौ जनवरी को डेलापीर मंडी से माल लेने जा रहे बनवारीलाल को सांड ने घेर लिया और गंभीर रूप से घायल कर दिया। उपचार के लिए उन्हें राजेन्द्र नगर स्थित एक अस्पताल में ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई थी।
तीसरी घटना बारादरी के संजयनगर में 24 जनवरी को रिटायर मैनेजर करूणा शंकर पांडेय मार्निग वॉक से आ रहे थे। इसी दौरान घर से कुछ ही दूरी पर एक सांड ने घेर लिया और उन पर हमला बोल दिया।