गोरखपुर। श्रीरामोत्सव पर गीता प्रेस से प्रकाशित श्रीरामचरितमानस का डिजिटल प्रसाद भी बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंच रहा है। भारतीय संस्कृति को पूरी तरह व्याख्यायित करने में समर्थ यह पुस्तक गीता प्रेस की वेबसाइट पर भारत के बाद सबसे ज्यादा अमेरिका में पढ़ी गई है।
हिंदी की मानस को भारत में 44 हजार तो अमेरिका में 2700 लोगों ने पढ़ा है। अंग्रेजी की मानस को भारत में 20 हजार व अमेरिका में 3275 लोगों ने पढ़ा है। यह पुस्तक कम संख्या में ही सही, लेकिन संयुक्त अरब अमीरात व कुवैत में भी पढ़ी गई है।
10 भाषाओं में वेबसाइट पर अपलोड
श्रीरामोत्सव के उपलक्ष्य में पाठकों को मांग के सापेक्ष श्रीरामचरितमानस की आपूर्ति न कर पाने की वजह से गीता प्रेस ने इस पुस्तक को 10 भाषाओं में अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। ताकि पाठक इसे निःशुल्क पढ़ व डाउनलोड कर सकें।
इसके साथ ही अयोध्या दर्शन व अयोध्या महात्म्य पुस्तक भी अपलोड की गई है। आठ दिन में इन पुस्तकों को 10 लाख से अधिक लोगों ने सर्च किया है। 132964 लोगों ने पढ़ा है और 41839 लोगों ने डाउनलोड किया है।
इन देशों में इतने लोगों ने ऑनलाइन पढ़ी श्रीरामचरितमानस
हिंदी
- भारत- 44000
- अमेरिका- 2700
- कनाडा- 650
- यूनाइटेड किंगडम- 400
- ऑस्ट्रेलिया- 350
- सिंगापुर- 175
- जर्मनी- 120
- नेपाल- 81
अंग्रेजी
- भारत- 20000
- अमेरिका- 3275
- कनाडा- 737
- त्रिनिनाड- 1037
- संयुक्त अरब अमीरात- 350
- ऑस्ट्रेलिया- 300
- सिंगापुर- 150
- जर्मनी- 100
- मलेशिया- 100
तेलुगु
- भारत- 9650
- अमेरिका- 1575
- कनाडा- 120
- संयुक्त अरब अमीरात- 83
- यूनाइटेड किंगडम- 75
- ऑस्ट्रेलिया- 70
- कुवैत- 30
- सिंगापुर- 27
- फ्रांस- 25