मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने शनिवार को चार कानून छात्रों द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अयोध्या में राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के दिन 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी।
22 जनवरी की छुट्टी के खिलाफ दाखिल हुई थी याचिका
चार कानून छात्रों, 20 वर्षीय शिवांगी अग्रवाल, 21 वर्षीय सत्यजीत साल्वे, 19 वर्षीय वेदांत अग्रवाल और 21 वर्षीय खुशी बांग्ला ने महाराष्ट्र सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए दावा किया है कि राज्य सरकार का फैसला मनमाना है।
याचिका में आगे दावा किया कि इस तरह की छुट्टी की घोषणा करना राज्य सरकार के अधिकार में नहीं है। हालांकि, 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित करने वाला महाराष्ट्र अकेला नहीं है।
कई राज्यों में होगा अवकाश
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और असम सहित कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी इसमें शामिल हैं। केंद्र सरकार के कार्यालयों में भी आधे दिन की छुट्टी है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 22 जनवरी दोपहर 2.30 बजे तक बंद रहेंगे। एनएसई और बीएसई स्टॉक एक्सचेंज भी सोमवार को बंद रहेंगे।
7 हजार से अधिक मेहमान होंगे शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को भव्य मंदिर के गर्भगृह के अंदर राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे। अयोध्या में भव्य मंदिर के उद्घाटन के लिए सभी क्षेत्रों के कई नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है। अयोध्या में राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी को शुरू हुए।