इंफाल। मणिपुर पुलिस ने कुकी संगठन के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि सुरक्षा बलों ने मोरेह शहर में विद्रोही समूहों के साथ सहयोग किया था। बता दें कि मोरेह म्यांमार की सीमा से लगा एक शहर है। राज्य सरकार ने आरोप लगाया है कि पड़ोसी देश के उपद्रवी लोग पूर्वोत्तर राज्य में परेशानी पैदा कर रहे हैं।
पुलिस ने एक बयान में कहा, घाटी स्थित विद्रोही समूहों और मोरेह में सुरक्षा बल कर्मियों के वेश में मैतेई उग्रवादियों के साथ सहयोग के संबंध में आदिवासी एकता समिति (सीओटीयू) और कुकी इंपी मणिपुर का आरोप सच नहीं है।
17 जनवरी को मोरेह में आतंकवादी हमले
गौरतलब है कि 17 जनवरी को मोरेह में आतंकवादी हमलों में दो पुलिस कमांडो मारे गए, जबकि कई अन्य घायल हो गए। कुकी संगठनों ने आरोप लगाया कि आत्मसमर्पण करने वाले घाटी स्थित विद्रोहियों ने राज्य पुलिस के साथ सहयोग किया था।
पिछले साल मई से जातीय संघर्ष से हिल चुके मणिपुर में 180 से अधिक लोग मारे गए हैं। मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को हिंसा भड़क उठी थी।
मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत
मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।