- बाजारों से लेकर शहर व कस्बों के चौराहों में मच रही धमाचौकड़ी
लोगों की सुविधाओं के लिए शहर में दौड़ रहे ऑटो और ई-रिक्शा के कारण अब असुविधा भी लोगों को देखने को मिल रही है।जिसमें खास तौर पर यह देखा जा रहा है, कि ई- रिक्शा की तादाद कुछ ज्यादा ही शहर में बढ़ गई है। जिसके कारण शहर के यातायात में भी बहुत फर्क पड़ा है, जिसमें सबसे ज्यादा असर बाजारों की यातायात व्यवस्था पर पड़ रहा है। हर तरफ बाजार में ई- रिक्शा ही नजर आ रहे हैं। जिसके कारण आवागमन करने वाले लोगों को काफी समस्याएं होती हैं और कई बार बाजार में ट्रैफिक जाम भी लग जाता है।
चौराहों में ऑटो तो बाजारों में ई रिक्शा
लोगों के आवागमन के लिए शहर में ऑटो चालकों और ई रिक्शा चालकों का भी महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। जिसमें लोगों द्वारा अपनी सुनिश्चित जगह पर पहुंचने के लिए बस और रिक्शा का प्रयोग किया जाता है।बीकेटी कस्बे में अस्ती रोड क्रासिंग, चंद्रिका देवी मोड़, भिठौली रेलवे क्रासिंग,इंजीनियरिंग कालेज चौराहा,टेढ़ी पुलिया चौराहा,आईआईएम तिराहा,मड़ियाँव ओवर ब्रिज सीतापुर रोड,सीतापुर रोड पुरनिया रेलवे क्रासिंग,कपूरथला चौराहा सहित प्रत्येक चौराहे पर ऑटो चालक व ई- रिक्शा चालक अपनी मनमानी करते हुए नजर आते हैं।
बाजारों में लग जाती हैं ई- रिक्शा की कतारें
आकार में छोटे और तीन पहिया वाहन होने के कारण ई- रिक्शा चालक आसानी से बाजारों में प्रवेश कर जाते हैं और यहां पर पैदल घूमने वाली सवारियों को बैठने के चक्कर में बाजार में धमा चौकड़ी करते हुए नजऱ आते हैं। कभी-कभी तो यह अपनी मनमानी पर उतारू भी हो जाते हैं। जिसमें यह बीच सडक़ों पर ही ई- रिक्शा रोक देते हैं जिसके कारण बाजारों में ट्रैफिक जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। वहीं जब बाजार में अत्यधिक भीड़ रहती है तो ई- रिक्शा वाहनों की कतारें अलग ही लोगों को देखने मिलती है।
कम नहीं हुआ परिवहन तो होगी परेशानी
पहले सडक़ों पर साइकिल ई- रिक्शा चला करते थे जिस पर लोग सवारी करके बाजारों और घरों पर आया- जाया करते थे। लेकिन अब आधुनिक युग में साइकिल रिक्शा का चलन बंद होता हुआ नजर आ रहा है और ई- रिक्शा का चलन बढ़ता जा रहा है। जिससे लोगों को सुविधा भी हो रही है,लेकिन इस सुविधा के कारण अब राहगीरों के अंदर परेशानियां भी देखने को मिल रही है। जिसमें मुख्य तौर पर ई-रिक्शा का चलन इतना ज्यादा बढ़ गया है कि पूरे शहर में सिर्फ ई- रिक्शा ही नजर आते हैं। अगर ऐसा ही रहा तो इसके परिवहन पर बढ़ोतरी होने से लोगों को काफी समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं और इससे यातायात पर भी बहुत गहरा असर पड़ेगा।