नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के एक दिवंगत नेता के बेटे की सुरक्षा हटाने के लिए शुक्रवार को मध्य प्रदेश पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि वह अभियोजन पक्ष के गवाह के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्नाथन की पीठ ने राज्य के दमोह जिले के पुलिस अधीक्षक को 24 घंटे के अंदर कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया के बेटे सोमेश चौरसिया को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया।
देवेंद्र चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद 2019 में उनकी हत्या कर दी गई थी। पीठ ने पुलिस अधीक्षक को चेतावनी दी कि यदि 24 घंटे के अंदर सोमेश और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षा नहीं प्रदान की गई तो अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। हत्या के मामले में अभियोजन का गवाह होने के चलते चौरसिया परिवार को लगातार धमकियां मिल रही हैं।
अदालत ने लगाई फटकार
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता सौरभ मिश्रा ने दलील दी कि पुलिस ने खतरे की समीक्षा करने के बाद सुरक्षा घटाई है, जिसके बाद अदालत ने फटकार लगाई।
पीठ ने कहा- ‘आप लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। आप अभियोजन पक्ष के गवाह को सुरक्षा प्रदान नहीं कर रहे हैं, लेकिन गुंडों को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। यदि 24 घंटे के भीतर याचिकाकर्ता और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाती है तो अपने एसपी और डीजीपी को सुनवाई की अगली तारीख पर उपस्थित होने के लिए कहें।’
अदालत ने यह भी कहा कि दमोह जिले के पुलिस अधीक्षक एक अहंकारी अधिकारी जान पड़ते हैं। याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील वरुण ठाकुर ने कहा कि चौरसिया को वर्तमान में किसी तरह की सुरक्षा नहीं मिल रही है और अदालत के निर्देश पर पहले जो सुरक्षा प्रदान की गई थी, उसे हटा दिया गया है।