रामसनेहीघाट बाराबंकी
कड़ाके की सर्दी भी राम भक्तों के कदम नहीं रोक पा रही है कोई 100 तो कोई 2000 किलोमीटर से पैदल रामधुन गाते हुए अयोध्या की ओर जा रहा है।
पुणे के सतारा से शैलेश हाथों में केसरिया झंडा कंधे पर बैग जिसमें दो जोड़ी कपड़े लेकर अयोध्या की ओर राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में साक्षी बनने के लिए निकल पड़े हैं पैरों में छाले भले ही पड़ गए हैं लेकिन हौसला भगवान राम के दर्शन के लिए बना हुआ है इसी क्रम में कानपुर के कैंट से रघुनाथ प्रसाद सक्सेना भी पैदल अयोध्या की ओर जा रहे हैं इनके साथ इंदिरा नगर लखनऊ के जितेंद्र तो बाराबंकी जनपद के कुर्सी से राजकुमार भी हाथों में झंडा के साथ जय श्री राम की धुन गाते हुए अयोध्या जा रहे हैं। सुबह से शाम तक पूरे दिन राजमार्ग पर श्रद्धालु अयोध्या की ओर जाते नजर आते हैं।
श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए राजमार्ग तैयार
अहमदपुर टोल प्लाजा से ताला मोड़ तक सड़क के किनारे जहां भगवान राम तथा मंदिर की बड़ी-बड़ी होल्डिंग नजर आती है पेट्रोल पंप ढाबों की बिजली की झालरो से सजावट करने के साथ ही उनके आसपास लगे पेड़ों को भी झालरों से सजा दिया गया है। किनारे पडने वाले भवनो पर केसरिया तिरंगा लहरा रहा है।
स्थानीय नगर पंचायत श्रद्धालुओं के स्वागत में
स्थानीय नगर पंचायत में जहां पुराने हाईवे पर पडने वाले सभी मकानों व प्रतिष्ठानों पर तिरंगा लहरा रहा है वही स्ट्रीट लाइट के पोलो पर झालरे लगाई गई है तहसील ब्लॉक तथा थाने पर बिजली की झालरे लगाकर सजावट की गई है।
राज्य मंत्री ने भी लिया राजमार्ग का जायजा
आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में हो रही भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राज्य मंत्री सतीश शर्मा ने कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक करके अहमदपुर से ताला मोड़ तक राजमार्ग को राममय बनाने की दिशा में कार्य करने सफाई व्यवस्था में विशेष ध्यान देने की अपील की उन्होंने इस मौके पर कस्बे तथा सड़क का भी निरीक्षण करके कर्मचारियों को निर्देशित किया।
कर्म ही पूजा
ताला मोड़ से अयोध्या स्थित सहादतगंज तक सुरक्षा व्यवस्था के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त फिरोजाबाद के अपर पुलिस अधीक्षक सर्वेश मिश्रा ने शुक्रवार को नारायण ढाबे के निकट सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते हुए कहा कि रामशिला पूजन के दौरान वह अयोध्या में पुलिस उपअधीक्षक के रूप में तैनात थे प्रभु ने एक बार फिर सेवा का मौका दिया है उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों को श्रद्धालुओं से विनम्र व्यवहार करके कर्म ही पूजा का संदेश दिया।