जिले में 1500 हेक्टेयर पर शिमला मिर्च की खेती
उझानी, दातागंज में शिमला मिर्च की किसानों ने खेती
कोहरा संग पाला पड़ने से पत्तियां गलकर गिरने लगी
किसान परेशान होकर विशेषज्ञों के काट रहे चक्कर
बदायूं। कड़ाके की ठंड पाले एवं कोहरा ने शिमला मिर्च की खेती को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। इसकी वजह से किसान परेशान हैं। किसान परेशान होकर विशेषज्ञों के चक्कर काट रहे हैं। विशेषज्ञों ने फसल को बचाने के लिए हल्की सिचाई करने के साथ ही रयासन स्प्रे की सलाह दी है।
जनपद में किसानों ने 1500 हेक्टेयर पर शिमला मिर्च की खेती है। सबसे ज्यादा शिमला की खेती उझानी एवं दातागंज क्षेत्र में की है। इन दिनों कड़ाके की सर्दी, पाले एवं कोहरा की वजह से शिमला की खेती में गलन की समस्या होने लगी है। शुरुआत में पौधे की पत्तियां मुड़ने लगती है, इसके बाद गलन होने लगती है और धीरे-धीरे ये पत्तियां तने से अलग होकर गिर जाती हैं। शिमला में इस समस्या के चलते किसानों को उत्पादन कम होने की चिंता सताने लगी है। किसान इस समस्या के निदान के लिए कृषि विशेषज्ञों के पास पहुंच रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र समरेर के प्रभारी डॉ. संजय सिंह ने बताया कि किसान शिमला मिर्च की फसल की हल्की सिचाई करें एवं रसायन का स्प्रे करें। इससे समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
रसायन में करें गंधक का प्रयोग
किसान शिमला मिर्च को गलन से बचाने के लिए गंधक का स्प्रे करें। स्प्रे के लिए किसान 200 ग्राम गंधक लेकर 100 लीटर पानी के साथ घोल तैयार करें और इसका पूरी फसल पर बढ़िया से स्प्रे कर दें। ऐसा करने से समस्या दूर हो जाएगी।
ये देशी विधि अपनाएं
किसान गंधक का स्प्रे करने के साथ ही शिमला मिर्च को खराब होने से बचाव के लिए सुबह, शाम खेत के चारों ओर धुंआ करें। ऐसा करने से भी काफी हद तक समस्या से छुटकारा मिलेगा। तमाम किसान इस विधि को अपना भी रहे हैं।