नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर 19-20 जनवरी को युगांडा के कंपाला में होने वाले ‘गुटनिरपेक्ष आंदोलन’ (एनएएम) के 19वें शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। शिखर सम्मेलन से पहले मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
विदेश राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ‘एनएएम शिखर सम्मेलन’ से पहले विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। वहीं, विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन 21-22 जनवरी को कंपाला में आयोजित होने वाले जी-77 तीसरे दक्षिण शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। बता दें कि यूगांडा ने 2024-27 की अवधि के लिए ‘एनएएम’ की अध्यक्षता संभाली है।
विदेश राज्यमंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के सदस्य देशों से कहा है कि पाकिस्तान, भारत के विरुद्ध झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए इस मंच का खुलेआम दुरुपयोग कर रहा है। विदेश राज्यमंत्री ने कहा, “हमारा ध्यान एनएएम को सामूहिक रूप से मजबूत करने के लिए एक साथ आने पर है, लेकिन हमने पाकिस्तान द्वारा इस प्रतिष्ठित मंच के दुर्भाग्यपूर्ण, गलत एवं जबर्दस्त दुरुपयोग को देखा है क्योंकि वह मेरे देश के विरुद्ध गलत और दुर्भावनापूर्ण प्रचार करता है।’ उन्होंने कड़े शब्दों में कहा, ‘भारत के आंतरिक मामले में किसी भी तरह का हस्तक्षेप पूरी तरह अस्वीकार्य है और हम उसे पूरी तरह खारिज करते हैं।”
जी-77 और ‘एनएएम’ दोनों की अध्यक्षता कर रहे यूगांडा का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा भारत की अध्यक्षता के दौरान जी-20 में अफ्रीकी यूनियन के शामिल होने के ठीक बाद एक अफ्रीकी देश द्वारा दो महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संगठनों की अगुआई करना महाद्वीप की सामूहिक ताकत को प्रतिबंबित करता है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से अफ्रीका का समय है। उन्होंने कहा कि एक संस्थापक सदस्य के रूप में भारत का ‘एनएएम’ में निवेश है और उम्मीद करता है कि यह युवाओं की आशाओं व आकांक्षाओं की आवाज बनेगा।