नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गन्ने के बाई प्रोडक्ट शीरे पर 18 जनवरी से 50 फीसदी निर्यात शुल्क लगा दिया है। शीरे का उपयोग शराब उत्पादन के लिए एक इनपुट के रूप में किया जाता है।
सरकार के निर्णय का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि इथेनॉल (अल्कोहल) के उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल उपलब्ध हो। इथेनॉल को वाहनों के उत्सर्जन को कम करने के लिए पेट्रोल के साथ मिश्रित किया जाता है और फार्मा उद्योग में दवाओं का उत्पादन भी इससे किया जाता है।ऐसी आशंका है कि अनियमित मानसून के कारण चालू कटाई के मौसम में घरेलू गन्ना का उत्पादन नीचे गिर सकता है और सरकार देश में गुड़ की किसी भी कमी को रोकने के लिए तैयार है।
सरकार का लक्ष्य अपनी जैव ईंधन नीति को बढ़ावा देने के हिस्से के रूप में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के लक्ष्य को वर्तमान के 12 प्रतिशत के स्तर से 2025-26 तक प्राप्त करना है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा शीरा निर्यातक है और वैश्विक व्यापार में लगभग 25 प्रतिशत का योगदान देता है। प्रमुख निर्यातक राज्य महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक है। जिन प्रमुख देशों में शीरे का निर्यात किया जाता है उनमें नीदरलैंड, फिलीपींस, वियतनाम, दक्षिण कोरिया और इटली शामिल हैं।