कौशांबी। बिजली विभाग के बकाएदारों की सुविधा के लिए शासन ने एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) संचालित की। योजना के प्रति दो तिहाई उपभोक्ताओं ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। लगभग 33 प्रतिशत बकाएदारों ने ही इसका लाभ लिया। बहरहाल, इससे बिजली विभाग ‘मालामाल’ हो गया। सवा दो महीने के अंदर ही उसकी झोली में लगभग 51 करोड़ रुपए आ गिरे।
विभाग द्वारा जिले में लगभग एक लाख 92 हजार ऐसे उपभोक्ताओं को चिन्हित किया गया था, जिन पर 280 करोड़ रुपये का बकाया था। शासन द्वारा बकाएदारों को अपना बकाया जमा करने के लिए आठ नवंबर 2023 को ओटीएस शुरू की गई। प्रारंभ में इस योजना पर शत-प्रतिशत ब्याजमाफी यानी छूट लागू की गई थी और योजना सिर्फ 30 नवंबर तक संचालित की गई थी। हालांकि, बाद में इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया।
तीसरी बार इसमें वृद्धि करते हुए 16 जनवरी 2024 अंतिम तिथि निर्धारित की गई। इस दौरान ब्याज माफी में कटौती करते हुए अलग-अलग विधा पर 60 से 70 प्रतिशत तक छूट कर दी गई। आखिरी दिन तक कुल लगभग 61 हजार उपभोक्ताओं ने इस योजना का लाभ लिया। इस संबंध में अधिशासी अभियंता अंकित कुमार ने बताया कि बकाएदार उपभोक्ताओं में से कुल 33 प्रतिशत ने ओटीएस का फायदा उठाते हुए लगभग 51 करोड़ रुपये जमा किया है।
फिर भी बकाया रह गया 229 करोड़
जिन उपभोक्ताओं पर बकाया था, उसमें से लगभग एक लाख 31 हजार उपभोक्ताओं ने योजना का लाभ नहीं लिया। इन उपभोक्ताओं पर लगभग 229 करोड़ रुपये अब भी बकाया है। इस धनराशि की वसूली के लिए अब विभाग छापेमारी, बिजली कटौती, आरसी वसूली आदि प्रक्रिया अपनाने पर विचार कर सकता है। इससे उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ना तय है।