मसौली-बाराबंकी। ब्रिटीश शासन काल मे सफदरगंज बदोसराय मार्ग पर स्थित झंझरिया नाले पर बने पुल की रेलिंग टूटने से वाहन चालको एव राहगीरों को दिक्क़तो का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रवासियो ने क्षतिग्रस्त रेलिंग के निर्माण की मांग की है। बताते चले कि सौ साल पूर्व सफदरगंज बदोसराय मार्ग पर बह रहे झंझरिया नाले पर बना पुल रखरखाव के आभाव जर्जर हो रहा है। सड़क से करीब 25 फिट गहरे नाले पर बने रेलिंग टूट जाने से हमेशा दुर्घटना की अशंका बनी रहती है। राजकीय इंटर कालेज सफदरगंज के सामने बने वर्षो पुराने पुल पर सावधानी हटी दुर्घटना घटी की कहावत चरिथार्थ हो रही है। अंग्रेजी काल मे जब पुल का निर्माण हुआ था उस दौर मे वाहनो की संख्या कम थी जिसके चलते पुल को सकरा बनाया गया था लेकिन समय के साथ वाहनो की संख्या मे काफी इजाफा हुआ है। नतीजा यह है कि इस झंझरिया नाले के पुल पर अक्सर आमने सामने वाहन आ जाने की स्थिति मे जाम लग जाता है। सबसे बड़ी दिक्क़त साइकिल एव दो पहिया वाहन चालकों को होती है जो पुल की टूटी रेलिंग पर जान को खतरे में डाल कर पुल को पार करते है। यही नही पुल के ही निकट राजकीय बालिका इंटर कॉलेज संचालित है। जहां प्रतिदिन सैकड़ो छात्राए साईकिल व पैदल इसी रेलिंग विहीन पुल को पार कॉलेज आती जाती है। बहरहाल समय रहते झंझरिया नाले की रेलिंग को सही नही कराया गया तो किसी न किसी दिन अनहोनी घटना घट सकती है।
( शासन प्रशासन के दावे फेल )
हादसों से बचाव को लेकर सड़क और पुलों को दुरुस्त रखने के तमाम दावे तो किए जाते हैं, लेकिन क्षेत्र की कई प्र्मुख् सड़को एव मार्गो पर ऐसे पुल व पुलिया हैं, जिनकी रेलिंग तक टूटी हुई हैं। कोहरा घना होने पर यह टूटी रेलिंग हादसों का सबब बन सकती है, बावजूद अफसर मौन साधे हुए हैं। इन टूटी रेलिंग को ठीक कराने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
यह हाल तो तब है जब अयोध्या मे रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर सूबे की राजधानी से लेकर रामनगरी तक के हाइवे को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है लेकिन इसी सजे सजाये हाइवे को जोड़ने वाली लिंक सड़को का बुरा हाल है वह चाहे हाइवे से जोड़ना वाला जैदपुर लिंक मार्ग हो या बदोसराय , बांसा, दरियाबाद को जोड़ने वाला मार्ग हो नहरों एव नालो पर बने पुल पुलियों की रेलिंग गायब है। पुलों की टूटी रेलिंग से कई वाहन तक गिर चुके हैं। ऐसे में क्षेत्र के पुलों की टूटी रेलिंग बड़े हादसे की वजह बन सकती है।