नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।
अनुराग ठाकुर ने यहां पत्रकारों से कहा,“ पश्चिम बंगाल में जो पैसा जनता की भलाई के लिए आता है उसे लूटने का पूरा प्रबंध यहां है। भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई करने आई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर भी यहां पथराव और मारपीट कर उनका सर फोड़ने का काम किया जाता है। पश्चिम बंगाल की सरकार भ्रष्टाचारियों की पनाहगार है। क्या ममता बनर्जी ने अपने मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को लूट की खुली छूट दे रखी है या यह लोग इनकी सुनते नहीं हैं? पश्चिम बंगाल में अगर किसी पुलिस अधिकारी के ऊपर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं तो ममता बनर्जी उसको बचाने के लिए सड़क पर उतर आती हैं। करोड़ों रुपए बरामद होते हैं। टीएमसी के ही लोगों का नाम उसमें क्यों आता है?”
उन्होंने कहा कि कल पूरे भारत में स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के उपलक्ष पर राष्ट्रीय युवा महोत्सव मनाया गया लेकिन पश्चिम बंगाल के युवाओं को इनमें शामिल नहीं होने दिया गया। बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में तुष्टिकरण की पराकाष्ठा खड़ी कर दी है। आज जब पूरे देश में राम नाम की गूंज है तब पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को खुशियां भी नहीं मानने दिया जा रहा। यहां कर्फ्यू जैसी स्थिति लगा दी गई है। अब हिंदू साधुओं के साथ मारपीट और उनकी हत्या के प्रयास के मामले सामने आए हैं। लगातार मीडिया में खबर चलाने के बाद अब जाकर कार्रवाई हुई है। बनर्जी बताएं यह हिंदू विरोधी सोच क्यों?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जुड़े सवाल के जवाब में ठाकुर ने कहा, “जो लोग कभी कांग्रेस के भ्रष्टाचार और देश से भ्रष्टाचार हटाने की बात करते थे वह आज स्वयं भ्रष्टाचार के दलदल में डूबे हैं। आज उनके उपमुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद सब जेल में हैं। किसी को जमानत नहीं मिल रही। केजरीवाल ने सिर्फ भ्रष्टाचार और अराजकता फैलाई है। जब जांच होती है तो यह लोग भागने का काम करते हैं।”
ठाकुर ने विपक्ष दलों के गठबंधन का जिक्र करते हुए कहा, “आज घमंडियां गठबंधन का अहंकार सर चढ़कर बोल रहा है। एक नेता दूसरे से बात नहीं करता। पश्चिम बंगाल में ही अधीर रंजन चौधरी साहब कुछ और कहते हैं, ममता बनर्जी कुछ और कहती हैं। इनके पास ना नेता है, ना नीति है, ना नियत है। उत्तर प्रदेश में भी बुआ और बबुआ की ज्यादा दिन तक नहीं चल पाई। आज सभी कैंप के नेता कमाई करने में लगे हैं। इसमें हर कोई एक दूसरे को संरक्षण दे रहा है।”