उन्नाव। गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र मे 1 मई 2013 को हुए बहुचर्चित नरेन्द्र अवस्थी हत्याकांड मे 11 साल बाद शुक्रवार को कोर्ट ने अंतिम फ़ौसला सुनाया।
जिसमें पूर्व महिला ग्राम प्रधान सहित पांच दोषियों को आजीवन कारावास क़ी सजा सुनाने के साथ अर्थदंड भी लगाया गया। वहीं हत्या मे दोषी पूर्व ग्राम प्रधान के पति सहित दो अन्य आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया।
1 मई 2013 को शक्ति नगर निवासी प्रापर्टी डीलर नरेन्द्र अवस्थी की पोनी रोड स्थित अवस्थी फार्म हाउस के पास फावड़े मारकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। मृतक के बेटे कन्हैया अवस्थी क़ी तहरीर पर सुभाष नगर निवासी दीपनारायण शुक्ला, पीपर खेड़ा निवासी गंगा प्रसाद, महेश, विजय, अहमद नगर निवासी वीरेंद्र चतुर्वेदी, कटरी पीपर खेड़ा की पूर्व प्रधान अनीता चतुर्वेदी, गौतरा नेवादा माधौगंज हरदोई निवासी अमित द्विवेदी सहित सात लोगों पर हत्या सहित कई अन्य धाराओं मे रिपोर्ट दर्ज क़ी थी। हत्या के दौरान वीरेन्द्र चतुर्वेदी जेल में बंद था। आरोप था कि वीरेन्द्र ने जेल में रहते हुये उनके पिता की हत्या का षडयंत्र रचा था। सीबीसीआईडी ने बहुचर्चित हत्याकांड प्रकरण की विवेचना की थी। मुकदमे का ट्रायल अपर जिला सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर एक में चल रहा था। गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित किया था।
जिसके बाद शुक्रवार को न्यायाधीश अल्पना सक्सेना ने फैसला सुनाया। एडीजीसी अजय कुशवाहा क़ी दलील और साक्ष्य के आधार पर न्यायाधीश ने गंगाप्रसाद, महेश, दीप नारायण शुक्ला, अनीता चतुर्वेदी और अमित द्विवेदी को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास क़ी सजा सुनाई है। वहीं हत्या के दोषियों पर 15-15 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया। जबकि वीरेंद्र चतुर्वेदी और विजय को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया।
-वीरेंद्र चतुर्वेदी के दोष मुक्त होने पर हुई निराशा
शुक्रवार को कोर्ट ने हत्या में शामिल आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है, लेकिन मृतक के बेटे कन्हैया अवस्थी, राघवेन्द्र अवस्थी और बहू दिव्या अवस्थी पत्रकार शुभममणि की हत्या में जेल में बंद हैं। वही सूत्रों कि माने तो फैसले मे आरोपी वीरेंद्र चतुर्वेदी को दोष मुक्त होने कि सूचना पर जेल मे बंद बेटे व बहू को काफी निराश हुई। बताया जाता है कि अवस्थी परिवार का वीरेंद्र चतुर्वेर्दी से काफी समय से विवाद चल रहा था जिसको लेकर कई बार दोनो पक्षो मे गोलिकांड भी हुआ और आये दिन एक दूसरे पर मुक़दमे बाजी होती थी। वीरेंद्र चतुर्वेदी और अवस्थी परिवार कि दुश्मनी पूरी कटरी मे चर्चित रहीं है। और उक्त हत्याकांड मे अवस्थी परिवार वीरेंद्र चतुर्वेदी को हत्या का मुख्य आरोपी मान रहीं थी।