जालंधर: कांग्रेस पार्टी को 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया गया था। जिसके पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन की और से के बयान जारी कर अस्वीकार कर दिया गया। जिसके बाद वीरवर को जालंधर से शिव सेना हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा ईशांत शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस सिर्फ तुष्टीकरण की गारंटी है। एक तरफ 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर में रामलला विराजमान होने जा रहें हैं। जिससे हर देशवासी उत्साहित हैं। लेकिन रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आमंत्रण को अस्वीकार कर कांग्रेस ने अपने सनातन और राम विरोधी चेहरे को उजागर किया है।
राम लला के आने से देश में खुशी का माहौल
इशांत शर्मा ने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला विराजमान होंगे। देश ही नहीं पूरी दुनिया इस बात से उत्साहित है। 500 सालों के इंतजार के बाद और लाखों लोगों के बलिदान के बाद रामलला भव्य राममंदिर में विराजमान होंग। हम हर जगह जाकर पूरे देश को पीले चावल दे रहे हैं। पूरा समाज उत्साहित है। लेकिन कांग्रेस निराश क्यों है? ये कांग्रेस के सनातन विरोधी और राम विरोधी चरित्र को उजागर करता है। आज दुनिया भर के अलग अलग देशों में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर रैलियां निकल रही हैं, लेकिन कांग्रेस अपनी मानसिकता से बाहर नहीं आ सकती।
कांग्रेस ने श्री राम को बताया था कल्पनिकी: ईशांत शर्मा
इशांत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने राम मंदिर का निमंत्रण ठुकराया यह वही कांग्रेस है। जिसने भगवान राम को काल्पनिक बताया था। आज जब कांग्रेस ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार किया है, तो यह साफ देखा जा सकता है कि आने वाले समय में भारत की जनता भी उनका बहिष्कार करेगी।