वाशिंगटन। अमेरिकी और ब्रिटिश की सेनाओं ने हाउती विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल की गईं दर्जनों जगहों पर बमबारी शुरू कर दी है। सेनाएं टॉमहॉक मिसाइलों और लड़ाकू जेट विमानों का इस्तेमाल कर विद्रोहियों के लॉजिस्टिक हब, वायु रक्षा प्रणाली और हथियारों के जखीरे को निशाना बना रहे हैं।
हाउती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिकी और ब्रिटिश सेनाओं द्वारा की जा रही यह पहली कार्रवाई है। इजराइल की हमास के खिलाफ की जा रही सैन्य कार्रवाई के विरोध में हाउती विद्रोहियों ने हाल में लाल सागर में मालवाहक जहाजों को निशाना बनाना शुरू कर दिया था। पिछले दिनों व्हाइट हाउस की ओर से हाउती विद्रोहियों को हमले बंद करने के लिए कहा गया था, साथ ही चेतावनी भी जारी की गई थी। वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी विद्रोहियों के हमलों को रोकने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया था।
हाउती विद्रोहियों के खिलाफ व्हाइट हाउस से जारी चेतावनी का कुछ दिनों तक प्रभाव देखने को तो मिला, लेकिन बीते मंगलवार विद्रोहियों ने लाल सागर में मालवाहक जहाजों को फिर निशाना बनाया। उन्होंने ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल कर अब तक के सबसे बड़े हमले किए। जिसके बाद अब जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी और ब्रिटिश जहाजों, अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने 18 ड्रोन, दो क्रूज मिसाइलों और एक एंटी-शिप मिसाइल को मार गिराया है।
गुरुवार को हाउती विद्रोहियों ने अदन की खाड़ी में एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी। जिसे एक जहाज को निशाना बनाया गया था, लेकिन इससे कोई नुकसान नहीं हुआ। विद्रोहियों ने 19 नवंबर से अब तक ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल कर कुल 27 हमले किए। साथ ही उन्होंने चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि यमन में उनके ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किसी भी तरह की कार्रवाई भयंकर सैन्य प्रतिक्रिया को जन्म देगी।