सूरतगंज बाराबंकी। ग्राम पंचायतो के विकास के लिए केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार दिन-रात प्रयास कर रही है। परन्तु उनके अधीनस्थ कर्मचारी और ग्राम प्रधान हैं जो सरकार की योजनाओं को परवान नहीं चढ़ने दे रहे हैं। ताजा मामला ब्लॉक क्षेत्र फतेहपुर के सिहाली गांव से सामने आया है जहां आरआरसी सेंटर कूड़ा घर में प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन दम तोड़ रहा है। आरसी सेंटर (कूड़ाघर) के हाल कुछ यूं है कि अभी कुछ महीने पूर्व ही यह कूड़ा घर बना था जो अभी ठीक से संचालित भी नहीं हो पाया और इसकी फर्श उखड़ गई कुछ दीवारें प्लास्टर ही नहीं हुई। और इस आरसी सेंटर में ग्राम पंचायत का कूड़ा भी नहीं जाता है सरकार की मंशा थी कि ग्राम पंचायत को स्वच्छ रखा जाएगा और गांव का कूड़ा आरसी सेंटर पहुंचेगा परंतु गांवों में आबादी के बीच जमा कूड़ा ग्राम प्रधान,सचिव और सफाई कर्मचारी के कार्यों की पोल खोल रहे हैं।
आरआरसी सेन्टर की दुर्दशा पर जब हमारे संवाददाता ने सहायक विकास अधिकारी पंचायत फतेहपुर विजय कुमार सैनी से बात की तो उन्होंने बताया अभी 6 माह पूर्व सिहाली आरआरसी सेंटर का निर्माण करीब 6 लाख रुपए की लागत से हुआ है। संवाददाता के पूछे जाने पर की इतने कम समय में यह जर्जर कैसे हो गया और दीवारें भी प्लास्टर नहीं है तो उन्होंने बताया कि अगर ऐसा है तो इसकी जांच कर संबंधित जिम्मेदारों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। आरआरसी सेंटर की जर्जर फर्स,दीवारों में आधा अधूरा प्लास्टर अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा है। ग्रामीणों की माने तो मानकों को देखने वाले संबंधित सक्षम अधिकारी यहां तक नहीं पहुंचे और यदि पहुंचे तो क्या पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर आने वाला धन का बंदर बांट हो गया। क्या सचिव ग्राम पंचायत कभी नहीं जाते हैं और यदि आते हैं तो क्या उन्होंने इस ओर देखना मुनासिब नहीं समझा। वही ग्रामीणों का कहना है कि यदि आरआरसी केंद्र की निष्पक्षता से जांच हो जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जाएगा।