भारत-म्यांमार सीमा पर स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय: सेना प्रमुख

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच साल 2020 में गलवान में हिंसक संघर्ष हुआ था। इसके बाद चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और भारतीय सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में संघर्ष हुआ।

इन घटनाओं की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में दरार बढ़ती गई। चीन अपनी विस्तारवाद नीति से बाज नहीं आ रहा है, जिसकी चिंता भारत सेना को लगातार सता रही है। भारतीय सेना चीन के हर नापाक मंसूबे को जवाब देने के लिए तैयार है।

चीनी सीमा पर हालात स्थित: सेना प्रमुख जनरल
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने चीन से सटे सीमा की स्थिति की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सीमा पर हालात स्थिर है, स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। सीमा पर हमारी तैयारी उच्च स्तर की है। पूर्वी लद्दाख में हमारी सेना किसी भी हालात से निपट सके इसके लिए हम सीमा पर पर्याप्त संसाधन भेजना जारी रखेंगे।

सेना प्रमुख बोले- जम्मू-कश्मीर के अंदर हिंसक घटनाओं में आई कमी
उन्होंने आगे कहा कि चीनी सेना द्वारा हमारे देश की सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की गई, लेकिन हमारे तरफ से संघर्ष विराम जारी रहा। वहीं, हमारी सेना एलओसी पर घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर रही है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के अंदर हिंसक घटनाओं में कमी आई है। हांलांकि, राजौरी-पुंछ सेक्टर में हिंसक घटनाएं बढ़ी हैं।

हमारी कोशिश होगी कि इस साल हम सेना के आधुनिकीकरण और टेक्नोलॉजी के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर जोर दें।

भारत-म्यांमार सीमा पर स्थिति चिंताजनक
वहीं, सेना प्रमुख ने म्यांमार में बढ़ती हिंसा पर कहा कि भारत-म्यांमार सीमा पर स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय है। हम वहां के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। कुछ दिनों पहले म्यांमार के 151 सैनिक अपने देश से भागकर मिजारम के लांग्टलाई जिले में आ गए थे।

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