कासगंज: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर अपने बयान से विवादों में घिरते दिख रहे हैं। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन के दौरान कारसेवकों पर तत्कालीन यूपी सरकार द्वारा गोलियां चलवाने का बचाव करते हुए उन कारसेवकों को अराजक तत्व करार दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘तत्कालीन सरकार नें अमन चैन कायम रखने के लिए अराजक तत्वों पर उस समय गोलियां चलवाई थी। सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया था। स्वामी प्रसाद मौर्य यहां कासगंज जनपद के गुंजडुंडवारा में बौद्ध एकता समिति द्वारा आयोजित बौद्ध जन जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘राम मंदिर का निर्माण देश की सर्वोच्च अदालत के आदेश पर हो रहा है, ना कि भाजपा सरकार आदेश पर… भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में राम मंदिर निर्माण का लाभ उठाना चाहती है। मौर्य ने इसके साथ ही केंद्र की बीजेपी सरकार पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि शिक्षा का निजीकरण हो रहा है, बेरोजगारी बढ़ रही है, महंगाई अपनी पूरी चरम सीमा पर है, लेकिन सरकार राम मंदिर के जरिये लोगों का असल मुद्दों से ध्यान भटका रही है। इस सम्मेलन में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘संविधान बराबरी की आजादी देता है। संविधान के मुताबिक समाज से छुआछूत और भेदभाव की भावना खत्म होनी चाहिए। महिलाओं की शिक्षा पर भी समाज को ध्यान देना चाहिए। महिलाओं की शिक्षा के बगैर कोई भी समाज और देश तरक्की नहीं कर सकता।