कांचीपुरम। तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम द्वारा राज्य भर में बुलाई गई अनिश्चितकालीन बस हड़ताल बुधवार को दूसरे दिन भी जारी है। संघ कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार पर उनकी मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
बता दें कि संघ कार्यकर्ताओं ने वेतन बढ़ाने के लिए 15वें वेतन संशोधन समझौते पर हस्ताक्षर करने के अलावा, सरकार से बस ड्राइवरों और कंडक्टरों की रिक्तियों को भरने की भी मांग की है।
6,000 रुपये प्रति माह का महंगाई भत्ता जारी करने की मांग
इसके अलावा, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए 6,000 रुपये प्रति माह का महंगाई भत्ता (डीए) जारी करने की भी मांग की गई है जो पिछले आठ वर्षों से रुका हुआ है। प्रमुख यूनियनों – सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी), और अन्ना थोझिर सांगा पेरावई (एटीएसपी) सहित अन्य से जुड़े कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं।
इस बीच, तिरुनेलवेली जिले में, सभी बसें मदुरै, कन्याकुमारी, तेनकासी, थूथुकुडी, तिरुचेंदुर, राजपालयम और शंकरनकोविल के लिए चल रही हैं। सरकारी परिवहन तिरुनेलवेली क्षेत्र में 898 बसें हैं, जिनमें तिरुनेलवेली जिले में 7 डिपो, थूथुकुडी जिले में 7 डिपो और तेनकासी जिले में 4 डिपो शामिल हैं।
सभी कर्मचारियों से बसें चलाने का अनुरोध
इसके अलावा, सरकार ने निगरानी अधिकारियों की नियुक्ति की है, जो शेड्यूल के अनुसार सभी बसों के संचालन की निगरानी कर रहे हैं। तिरुनेलवेली जिले में सुरक्षा के लिए सभी कार्यशालाओं और बस डिपो के सामने भी पुलिस तैनात की गई है। इससे पहले तमिलनाडु के परिवहन मंत्री एसएस शिवशंकर ने हड़ताल को ‘राजनीतिक कदम’ करार दिया था। द्रमुक से संबद्ध लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF) यूनियन ने कहा है कि यह हड़ताल अन्नाद्रमुक द्वारा राजनीति से प्रेरित है और सभी कर्मचारियों से बसें चलाने का अनुरोध किया है।
एलपीएफ सचिव और सांसद षणमुगम ने एक कहा ‘एलपीएफ की भी यही मांगें हैं। डीएमके सरकार एक-एक करके हर मांग को पूरा कर रही है। जनता की सद्भावना को ध्यान में रखते हुए सभी बसों को सामान्य रूप से चलाने का अनुरोध किया जा रहा है।’