नई दिल्ली। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट का नाम ‘Rice Roti Rate’ है।
इस रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर में प्याज और टमाटर की कीमतों में आई गिरावट की वजह से शाकाहरी थाली की लागत 3 फीसदी और मांसाहरी थाली की लागत 5 फीसदी तक गिर गई है। घर में बने खाने की लागत में भी गिरावट आई है।
दरअसल, फेस्टिव सीजन के खत्म होने के बाद प्याज और टमाटर की कीमतों में गिरावट आई है। प्याज की कीमत महीने-दर-महीने के हिसाब से 14 फीसदी और टमाटर के रेट 3 फीसदी तक कम हो गए हैं। इनकी कीमतों में आई गिरावट की वजह से वेज और नॉन-वेज थाली की कीमतों में कमी आई है।
मुर्गीपालन की कीमतों में महीने-दर-महीने 5 से 7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट की वजह से नॉन-वेज थाली में तेजी से गिरावट आई है। अब इसकी लागत 50 फीसदी तक हुई है।
ऐसे पता चलता है थाली की लागत
अब कई लोगों के मन में सवाल आता है कि आखिर किस आधार पर घर पर थाली तैयार की लागत का अनुमान लगाया जाता है। आपको बता दें कि उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में इनपुट कीमतों के आधार पर की जाती है। इसमें अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस के आधार पर अनुमान लगाया जाता है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि साल-दर-साल के आधार पर शाकाहारी थाली की कीमत में 12 फीसदी की तेजी आई है, जबकि नॉन-वेज थाली की कीमत में 4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। शाकाहारी थाली में आई बढ़ोतरी की वजह प्याज और टमाटर की कीमतों में आई तेजी है। इसके अलावा दालों की कीमतें, जो शाकाहारी थाली की लागत का 9 प्रतिशत है, भी साल-दर-साल 24 प्रतिशत बढ़ी है।
नॉन-वेज थाली की कीमत में गिरावट अधिक प्रोडक्शन के बीच ब्रॉयलर की कीमतों में साल-दर-साल 15 फीसदी की गिरावट के कारण आई।