कमीशनखोरों को आईना दिखा रहे बीकेटी नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों में अधूरे पड़े अंत्येष्टि स्थल !

  • करोड़ों खर्च के बाद भी बीकेटी नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों में अधूरे पड़े हैं अंत्येष्टि स्थल
  • साढामऊ अंत्येष्टि स्थल अधूरा,यहां तक पहुंचने के सभी रास्ते बंद

निष्पक्ष प्रतिदिन,लखनऊ

शासन की मंशा है कि लोगों को उनके हर जरूरत की सुविधाएं समय से मिलती रहे। लेकिन अधिकारी व नेता ही शासन की इस मंशा में बाधा बन रहे हैं। सरकार ने वर्ष 2022-23 में बीकेटी नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों में अंत्येष्टि स्थल निर्माण के लिए नगर पंचायत द्वारा भेजे गए करोड़ों रुपये के प्रस्ताव को स्वीकृत कर बजट पास किया था। समय पर धन स्वीकृत भी हुआ।लेकिन नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों में अंत्येष्टि स्थलों का निर्माण कार्य घटिया निर्माण सामग्री से किया गया और ज्यादातर अंत्येष्टि स्थलों निर्माण अधूरा ही रह गया।सरकारी धन से खर्च तो हो गये लाखों, मगर आज भी सभी अंत्येष्टि स्थल दुर्दशाग्रस्‍त हैं,और मौके पर अभी भी अधूरे निर्माण कमीशनखोरों को आईना दिखाने के लिए काफी हैं।
उदाहरण स्वरूप नगर पंचायत के वार्ड नंबर 04 में स्थित साढामऊ गांव के बाहर अंत्येष्टि स्थल का निर्माण किया गया है। जो अधूरा पड़ा हुआ है।यहां पर लकड़ी घर अधूरा है।वहीं शौचालय का टैंक भी अधूरा पड़ा हुआ है।बैठने के लिए ने तो बेंच की व्यवस्था है और न ही पीने के लिए पानी की व्यवस्था है।यहां तक कि अंत्येष्टि स्थल तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता ही नहीं है।अगर अंतिम संस्कार करने के लिए कोई जाना भी चाहे तो वह यहां तक पहुंच ही नहीं पायेगा।क्योंकि यहां तक पहुंचने के सभी रास्ते बंद हैं।

इसलिए यहां पर बनाया गया अंत्येष्टि स्थल साढामऊ गांव के नागरिकों के लिए निरर्थक साबित हो रहा है।यहां पर अंत्येष्टि स्थल के निर्माण में कमीशन बाजी के चक्कर में सिर्फ सरकारी धन का दुरपयोग किया गया।अब यहां पर सवाल यह उठता है कि लाखों रुपये का बजट आखिर कहाँ खर्च किया गया है,जिसके कारण आज भी यह अंत्येष्टि स्थल अधूरे पड़े हुए हैं।अब ऐसे में गांव के लोग अंतिम संस्कार के लिए कहाँ जाएं।बता दें कि मानक के अनरूप अंत्येष्टि स्थल पर दाह संस्कार के लिए टिन शेड डालना अनिवार्य है। लकड़ी रखने के लिए कमरा व बैठने के लिए बैंच भी बनाने कि प्रक्रिया के साथ ही हैंडपंप भी लगाना जरूरी था।प्रशासन द्वारा यह भी हिदायत दी गयी थी, कि शौचालयों व स्नान घर का काम गुणवत्तापूर्ण पारदर्शी तरीकें से होने चाहिए, लेकिन ग्रामीणों की मानें तो अंत्येष्टि स्थलों के नाम पर भी लोगों ने खूब लूट किया है।इसी कारण नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों में करोड़ों रुपए की लागत से बनाये गये अंत्येष्टि स्थल अंतिम संस्कार के समय किसी के काम नहीं आ रहे हैं, और अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं।नगर पंचायत के नागरिकों ने लाखों की लागत से बनाये गये स्थलों की मुख्यमंत्री से उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है।

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