- ग्राम पंचायत कठवारा में एक करोड़ 20 रुपये की लागत से बनाई गयी गौशाला निर्माण में कार्यदायी संस्था द्वारा की गयी धांधली की अमरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराई गई थी शिकायत
- आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का शिकायतकर्ता को संतुष्ट किये बिना ही किया जा निस्तारण
निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ
पशुपालन विभाग के मुख्य पशु चिकत्साधिकारी लखनऊ मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल की धज्जियां उड़ा रही है। पोर्टल पर दर्ज होने वाली शिकायतों का शिकायतकर्ता को संतुष्ट किये बिना ही फर्जी निस्तारण किया जा रहा है। इसे लेकर शिकायतकर्ता परेशान हैं, और अफसर शासन को शत-प्रतिशत निस्तारण की रिपोर्ट भेजकर मौज काट रहे हैं।ऐसा ही एक मामला बख्शी का तालाब तहसील क्षेत्र के कठवारा गांव में देखने को मिला है।शासन की मंशानुसार बीकेटी विकासखंड की ग्राम पंचायत कठवारा में 1.20 करोड़ की लागत से पैक्सपेड संस्था की ओर से बड़ी गौशाला बनवाई गयी है।निर्माण में हो रही धांधली कर सरकारी धन के बंदरबांट से नाराज अमरेंद्र सिंह पंवार ने इसकी शिकायत संदर्भ संख्या 40015723097749 पर मुख्यमंत्री के आईजीआरएस पोर्टल (समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली) पर 31 दिसंबर 2023 को कर गौशाला कि उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।
शिकायतकर्ता अमरेंद्र सिंह पंवार ने बताया कि मेरी शिकायत पर मुझको बताये बिना ही पशुपालन विभाग के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी लखनऊ ने निस्तारण की रिपोर्ट लगा दी।जबकि कठवारा गांव में बनाई जा रही गौशाला निर्माण को लगभग दो साल हो गए हैं।लेकिन अभी तक उसका कार्य पूर्ण नहीं किया गया है।वहीं जो गौशाला बनाई जा रही है उसमें जमकर भ्रष्टाचार किया गया है, इसकी शिकायत भी कई बार की जा चुकी है। लेकिन अभी तक संस्था के प्रति कोई कार्रवाई नहीं की गई है।जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।अमरेंद्र ने यह भी बताया कि मेरी शिकायत पर 2 जनवरी 2024 को उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बीकेटी और खंडविकास अधिकारी ने बन रही गौशाला का निरीक्षण किया गया था।उनके निरीक्षण में अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि बृहद गौ संरक्षण केन्द्र कठवारा में चार शेडो में चरही का निर्माण किया गया है। लेकिन चरही की ऊँचाई मात्र 01 फिट रखी गयी, जबकि चरही की ऊँचाई 25 से 3 फोट होनी चाहिए अगर ऊँचाई कम होगी तो जानवर इस तरफ से दूसरी निकल जायेंगे एवं छोटे जानवर के दबने की सम्भावना है, तथा अन्य पशु भी चोटिल हो सकते हैं चरही की ऊँचाई कम होने से गोवंश चरही में कूद कर पेशाब एवं मल त्याग सकते हैं। जिससे चारा प्रदूषित होगा तथा गोवंशों में बीमारी फैलने की सम्भावना बनी रहेगी।वहीं सोलर पैनल लगाया गया है , किंतु कार्य नहीं कर रहा है । जिससे प्रकाश के लिए कोई व्यवस्था नहीं है । प्रत्येक शेड में बिजली के लिए बायरिंग की व्यवस्था की गयी है, किन्तु कनेक्शन के लिए जो इलेक्ट्रिक वायर लगे है, उनकी गुणवत्ता काफी खराब हैं। जिससे यह कुछ ही माह में खराब होने की सम्भावना है।दोनों अधिकारियों की स्पष्ट रिपोर्ट के बाद भी गौशाला में पाई गई कमियों को दूर न करके गौशाला का उद्घाटन भी हो गया है।जबकि गौशाला निर्माण में जमकर की गयी गड़बड़ियों के कारण खंडविकास अधिकारी गौशाला को कार्यदायी संस्था से हस्तांतरण ( हैंडओवर) अपने हाथ में नहीं ले रही है। गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम जनता की शिकायतों का आसानी से निस्तारण कराने के लिए जनसुनवाई पोर्टल लांच कराया है।शासन का मकसद लोगों को घर बैठे इंसाफ दिलाने का है। पर, जिले के पुलिस अधिकारियों की मनमानी की वजह से सरकार की इस मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। बताया जाता है कि पोर्टल पर दर्ज होने वाले अधिकतर मामलों की जांच तक नहीं की जाती। अफसर दफ्तर में बैठे-बैठे निस्तारण की रिपोर्ट लगा देते हैं। लेकिन पोर्टल पर दर्ज संदर्भों पर कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं होता। यही वजह है कि आम लोगों का विश्वास अब इस पोर्टल से उठता जा रहा है।