- दुनिया का सबसे विकसित और चर्चित शहर होगा अयोध्या धाम
- राम नगरी में चतुर्दिक विकास की नई गाथा लिख रही है योगी सरकार
लखनऊ। विकास किसी भी रूप में हो, वह आम जन के लिए हितकारी ही होता है। आज पूरी दुनिया उत्सुकता के साथ 22 जनवरी के एतिहासिक क्षण का इंतजार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या के पुरातन वैभव व विकास कार्यों की चर्चा करते हुए रैली में यह कहा था। उन्होंने कहा था कि भारत की मिट्टी के कण – कण व जन जन का मैं पुजारी हूं। 15 हजार 700 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास कर मोदी ने रामपथ , भक्ति पथ के निर्माण व सरयू नदी में गंदे पानी की आवक रोकने जैसी बातें भी कीं थी। वंदे भारत , नमो भारत व अमृत भारत ट्रेनों के संचालन की चर्चा करते हुए इस त्रिशक्ति ट्रेन को भारतीय रेल का कायाकल्प करने वाला बताया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया था कि तुलसीदास ने कहा था कि गरीब की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है।इसलिए ये गरीब सेवा की भावना से शुरू की गई हैं।34 वंदे भारत ट्रेनों में डेढ़ करोड़ यात्रियों द्वारा की गई यात्राओं की चर्चा करते हुए मोदी ने यात्राओं व परिक्रमाओं को भगवान व आस्था से जोड़ते हुए कहा था कि महर्षि वाल्मीकि ने अयोध्या नगरी को धन्यधान्य से परिपूर्ण व समृद्धि के शिखर पर आनंद से भरा हुआ बताया है। ज्यों- ज्यों लोक सभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है , त्यों त्यों राम मन्दिर को लेकर भाजपा की रणनीति जोर – शोर से काम करती नजर आने लगी है।यही मुद्दा है,जिसने भाजपा को दो सीटों से सीधे केन्द्र तक पहुंचने का रास्ता बनाया है। 14-22 जनवरी तक देश के सभी मन्दिरों ,धार्मिक स्थलों व तीर्थ स्थलों में स्वच्छता अभियान चलाने की बात कर मोदी गांव गांव , कस्वों – छोटे शहरों आदि में वाले देशवासियों को सीधा श्रीराम से जोड़ने का काम किया है।
सरकार के इस प्रयोग पर तिलमिलाया विपक्ष अब तक इसकी कोई काट नहीं ढूंढ पाया है।वे मन्दिर को पूरे देश का कह रहे हैं, और कभी भी वहां दर्शन के लिए जाने की वात कर अपनी आस्था सुनिश्चित कराने की कोशिशें भी करते नजर आ रहे हैं। हालांकि सरकार बार – बार दोहराती है, कि राम मन्दिर निर्माण राजनीति का विषय नहीं है, और रामलला पांच सौ वर्षों से इसका इंतजार कर रहे थे। यह न सिर्फ आस्था व विश्वास से जुड़ा मुद्दा है,बल्कि इसे लगातार भावनाओं से जोड़ा जाता रहा है।यह विशाल आयोजन निःसंदेह भाजपा को बड़ा राजनीतिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ही किया जा रहा है। मगर इन व्यवस्थाओं के माध्यम से तथा इसे मिल रहे प्रचार से यहां भक्तों की आमद बढ़ेगी जिसका स्थानीय लोगों व बाजारों को लाभ मिलना तय है।