नई दिल्ली। दूसरे समुदाय की लड़की के साथ प्रेम संबंध होने पर बीच सड़क पर गला काटकर की गई अंकित सक्सेना की हत्या के मामले में दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने अपना निर्णय सुनाया।
दूसरे समुदाय की लड़की से प्रेम करने पर हुई थी हत्या
अदालत ने हत्या के लिए प्रेमिका के माता मां शहनाज बेगम, पिता अकबर अली और मामा मोहम्मद सलीम को दोषी करार दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा कि अंकित की हत्या दूसरे समुदाय की लड़की के साथ प्रेम संबंध होने कारण की गई थी।
15 जनवरी को सजा का एलान
सजा की अवधि पर अदालत 15 जनवरी को जिरह सुनने के बाद निर्णय करेगी। अदालत ने अभियोजन व बचाव पक्ष से शपथपत्र दाखिल करने कर निर्देश देते हुए मुकदमा खर्च और पीड़ित परिवार को मुआवजा को लेकर रिपोर्ट दाखिल करने काे भी कहा। मामले में दोषियों को अधिकतम फांसी और न्यूनतम उम्रकैद की सजा हो सकती है।
अदालत ने पिता अकबर अली, माता सलीम को हत्या व एक इरादे से हत्या की वारदात को अंजाम देने के तहत दोषी करार दिया है। वहीं, शहनाज बेगम को अंकित की मां के साथ मारपीट करने के लिए दोषी करार दिया। मामले में लड़की के नाबालिग भाई के खिलाफ मामला किशोर न्याय बोर्ड में लंबित है।
अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि संगीन अपराध में सबसे दुखद पहलू यह था कि अंकित के माता-पिता ने अपनी आंखों के सामने अपनी एकमात्र संतान को तड़पकर मरते हुए देखा। अदालत ने नोट किया कि अंकित के स्वजन ने अदालत के सामने बयान दिया था कि आरोपित उनके बेटे को बेरहमी से पीट रहे थे और आसपास खड़े तमाशबीन लोगों के सामने उनके बेटे का गला काट दिया गया।
यह भी कहा कि लड़की का मामा मोहम्मद सलीम और नाबालिग लड़के ने अंकित के दोनों हाथ पकड़ लिए और लड़की के पिता अकबर अली ने पीछे से अंकित का गला काट दिया। मां ने भागकर खून को रोकने की कोशिश तो उन पर हमला किया गया।
क्या है पूरा मामला?
पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में फरवरी 2018 में अंकित सक्सेना की गला काटकर हत्या कर दी गई थी। अदालत ने अंकित के दोस्त नितिन की गवाही दर्ज की थी। घटना के बाद पीड़ित परिवार ने मोहल्ला छोड़ दिया था और ए-ब्लाक से मकान बदलकर बी-ब्लाक में आ गए थे।
इस प्रकरण में पुलिस ने अप्रैल 2018 में लड़की के परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ तीस हजारी अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था और तीन मई 2018 को आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई सत्र अदालत में स्थानान्तरित कर दी गई थी।
25 मई 2018 को सत्र अदालत ने आरोपियों पर हत्या, हत्या की साजिश और मारपीट की धाराओं के तहत आरोप तय किए थे और नौ दिसंबर 2023 को अदालत ने निर्णय सुरक्षित रख लिया था।