नहरों की सफाई में होती है खानापूर्ति
मलिहाबाद,लखनऊ। क्षेत्र के किसान नहरों में पानी का इंतेजार करते हैं और जब पानी आ जाता है तो उन्हें लाभ नही मिल पाता है। इसका कारण है नहरों में सफाई सही से न होना। नहरों की सफाई में खानापूर्ति की जाती है जिसके चलते कुछ ही किसानों को पानी का लाभ मिल पाता है बाकी के किसान इससे वंचित रहते हैं।
रुसेना माइनर के किसान तेजपाल, जयपाल बताते हैं कि पहले सखाईं खेड़ा गांव के पास पुलिया टूटी थी। जब भी नहर में पानी आता था तो सारा पानी नाले से होकर बेहता नाले में चला जाता था। किसानों की मांग पर पुलिया बनी। नहर आई तो जगह जगह नाले चोक होने के कारण पानी आगे नहीं पहुंच पाया। मांग पर माइनर की सफाई हुई लेकिन जगह जगह नहर पर रास्ता बनाकर पटाई हो गई। सफाई के नाम पर खानापूर्ति कर दी गई जिससे नहर में आने वाले पानी को कोई निकास ही नहीं मिलता है जिसके कारण पानी इधर उधर किसी की फसल डुबोता है तो कहीं गांव में समस्या उत्पन्न कर देता है। जिसके कारण नहर के पानी से किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं किसानों ने बताया कि माइनर से निकलने वाले नालों की खुदाई नही हुई है। जब तक नाले नही खोदे जाएंगे तब तक चंद किसान ही नहर के पानी का लाभ ले पाएंगे। इस समय रुसेना माइनर मे पानी आ रहा है लेकिन उससे कहीं किसी की फसल डूब रही है तो कहीं गांव में पानी घुसा जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया की यह माइनर जौरिया निकट बेहता नाले में जाकर मिलता है। इस माइनर का पानी बेहता नाले तक जा ही नहीं पा रहा है जिसके चलते लोगों को समस्या हो रही है। किसानों ने बताया की नहर में आए ऐसे पानी का क्या फायदा जिससे किसान वंचित हैं। इसी तरह क्षेत्र के अन्य माइनरों के हाल हैं।