नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम 2011 में कुछ चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को ईडी के सामने पेश हुए। कार्ति चिदंबरम से इस मामले में पिछले साल 23 दिसंबर को पूछताछ की गई थी और केंद्रीय एजेंसी ने पीएमएलए के प्रविधानों के तहत उनका बयान दर्ज किया था।
अधिकारियों ने कहा कि वह मध्य दिल्ली में ईडी मुख्यालय में मामले के जांच अधिकारी के सामने फिर से पेश हुए। उन्होंने जांच एजेंसी के दफ्तर जाने से पहले संवाददाताओं से कहा कि यह एक सामान्य बात है।
कांग्रेस सांसद से चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में हुई पूछताछ
ये ऐसी चीजें हैं जो नियमित रूप से होती हैं, खासकर जब चुनाव नजदीक आते हैं। ये सभी व्यर्थ की कवायदें हैं। हम इन से निपटेंगे। पीएमएलए के प्रविधानों के तहत दर्ज मनी लांड्रिंग का मामला सीबीआइ की एक प्राथमिकी के आधार पर दर्ज किया गया है। सीबीआइ की प्राथमिकी के अनुसार, यह जांच वेदांत समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष कार्यकारी द्वारा कार्ति और उनके करीबी सहयोगी एस भास्कररमन को रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपये का भुगतान करने के आरोपों से संबंधित है।
वेदांत समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर से रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआइ भी कर रही जांच
टीएसपीएल पंजाब में एक बिजली संयंत्र स्थापित कर रही थी। सीबीआइ के अनुसार, बिजली परियोजना स्थापित करने का काम एक चीनी कंपनी द्वारा किया जा रहा था और तय समय से पीछे चल रहा था।