नव-वर्ष का उत्सव वास्तव में समय का सम्मान करना है। समय का सम्मान करना मन का सम्मान करना है। मन का सम्मान करने का अर्थ है स्वयं का सम्मान करना। यदि स्वयं का सम्मान करने का यह तरीका जानना है, तो स्वयं को दोषी या पीड़ित मानना छोड़ना होगा। यदि आप मानते हैं कि आप पापी हैं, तो आप कभी स्वयं का उत्सव नहीं मना सकते। आप कभी भी भीतर से शांत नहीं रह सकते। इसलिए जब आप दोषी चेतना से बाहर निकलते हैं, तो आपके भीतर शांति आती है। आपके भीतर आध्यात्मिक प्रकाश का उदय होता है।
आपको जानना चाहिए कि मेरे भीतर प्रकाश है। मैं प्रकाश का अंश हूँ और मैं सार्वभौमिक प्रेम का अंश हूं। यह तभी हो सकता है, जब हम दोषी चेतना से अछूते हों। वहीं यदि आपको लगता है कि आप पीड़ित हैं, तो आप सत्य अभिव्यक्त नहीं कर सकते, आप दिव्यता व्यक्त नहीं कर सकते। हमारे जीवन का उद्देश्य प्रकाश, प्रेम और जीवन को पूर्ण रूप से व्यक्त करना है। पूर्णतः अभिव्यक्त जीवन ही उत्सव है। नया वर्ष यही उत्सव है।
समय आपके शरीर को परिवर्तित करता ही है, लेकिन आपके भीतर भी समय को परिवर्तित करने की क्षमता है। आप किसी भी समय को बेहतर बना सकते हैं। कुछ लोग अच्छा समय आने की प्रतीक्षा करते हैं, तो कुछ लोग हर समय को अच्छा समय बना लेते हैं। आप किस श्रेणी में हैं? जब आप आध्यात्मिक पथ पर होते हैं तो समय भागता है, अन्यथा समय घिसट रहा होता है। जब आपके मन की स्थिति सही नहीं है, तो समय एक बाधा है। तो आइए, हम संकल्प लें कि आने वाले वर्ष के प्रत्येक क्षण का उपयोग समाज और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए करेंगे।
अपने साथ कुछ घटित होने की प्रतीक्षा न करें। आप संसार के लिए कुछ करें, देखें कि आप किस तरह से विश्व के लिए योगदान दे सकते हैं? आपको यह सोचने की आवश्यकता है कि हम पर्यावरण की सहायता कैसे कर सकते हैं, हम जीवन शैली कैसे बदल सकते हैं, हम इस संसार को आने वाली पीढ़ी के लिए एक बेहतर स्थान कैसे बना सकते हैं, हम लोगों की हिंसक प्रवृत्ति कैसे बदल सकते हैं, हम दुखी लोगों के आंसू कैसे पोंछ सकते हैं और कैसे उन्हें मुस्कुराने में योगदान कर सकते हैं। जब आप संसार में कुछ योगदान करने के लिए यहां होते हैं, तो आपको जो भी चाहिए, वह आपकी झोली में अपने आप ही आ जाता है।
ज्ञान और केवल ज्ञान ही लोगों को दुख से बाहर निकाल सकता है। भौतिकता लोगों को दुख से बाहर नहीं निकाल सकती। हां, थोड़ी सी भौतिक चीजें क्षणिक राहत अवश्य देती हैं, लेकिन यह ज्ञान ही है, जो वास्तविक और दीर्घकालिक राहत दिलाता है। इस वर्ष यह सोचिए कि हम गांव-गांव तक यह ज्ञान कैसे पहुंचाएं। पुराना वर्ष हमें बहुत कुछ सिखा कर गया है।
समय ने हमें कई ऐसे सबक दिए हैं, जिनसे हमें सीखना चाहिए। हमें यह सीखना चाहिए कि पिछले वर्ष हमने जो किया, उनमें से हमें क्या नहीं करना चाहिए। गत वर्ष की अच्छी और बुरी सभी घटनाओं से सीख लेते हुए हम बिना पछतावे, बिना क्रोध और बिना तनाव के आगे बढ़ें। अतीत का रोना रोने के लिए समय नहीं है। जीवन गतिमान है। आइए, समय को और अच्छे समय में परिवर्तित करने का संकल्प लें।