महिलाओं मे नींद की कमी के लिए कौन से हॉर्मोन होते हैं जिम्मेदार।

नई दिल्ली। अच्छी सेहत के लिए हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज की तरह पर्याप्त नींद भी बेहद जरूरी है, लेकिन ज्यादातर लोग इसकी अहमियत नहीं समझते। खासतौर से महिलाएं नींद के प्रति ज्यादा लापरवाह होती हैं। नेशनल स्लीप फाउंडेशन द्वारा की गई एक रिसर्च के मुताबिक पुरुषों की तुलना में स्त्रियों को नींद की ज्यादा जरूरत होती है। इस रिसर्च के अनुसार आम युवा होममेकर्स रोजाना आठ घंटे से भी ज्यादा वक्त घरेलू कामों और बच्चों की देखभाल में बिताती हैं। इससे अंदाजा लगा ही सकते हैं कि वो कितने घंटे सो पाती होंगी।

नींद पूरी न होने की वजह से थकान, चिड़चिड़ापन, बेचैनी जैसी कई समस्याएं परेशान करती हैं। और तो और नींद की कमी आपको मोटापे और हार्ट से जुड़ी बीमारियों का भी शिकार बना सकती है। नींद पूरी न होने की एक बहुत बड़ी वजह हॉर्मोनल बदलाव होते हैं। आइए जानते हैं इस बारे में।

हॉर्मोनल बदलाव कैसे डालते हैं नींद पर असर
बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं और 35 पार करते ही इन बदलावों की प्रक्रिया भी तेज होने लगती है। 50 साल तक आते-आते सेहत एकदम नाजुक हो जाती है। इस दौरान शरीर में हॉर्मोन संबंधी कई बदलाव बहुत तेजी से आ रहे होते हैं, जिससे उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसमें से एक है नींद की कमी। उम्र के इस दौर में खासतौर से तीन हॉर्मोन के लेवल में तेजी से बदलाव आ रहा होता है, जो इस प्रकार है-

एस्ट्रोजन
वास्तव में यह हॉर्मोन महिलाओं के प्रजनन तंत्र को हेल्दी और एक्टिव बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कंट्रोल करता है। नींद से इसका कनेक्शन इसलिए है क्योंकि यह महिलाओं की प्रभावित करता है। अगर ये बैलेंस रहता है तो इससे मन शांत रहता है जिससे नींद अच्छी आती है। वहीं इसके असंतुलन से बेचैनी, तनाव और अनिद्रा जैसी परेशानियां देखने को मिल सकती हैं।

प्रोजेस्टेरॉन
यह हॉर्मोन महिलाओं के पीरियड साइकिल को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से अनियमित पीरियड्स, चिड़चिड़ापन, थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

टेस्टोस्टेरोन
वैसे तो यह पुरुषों के शरीर में पाया जाने वाला हॉर्मोन है, लेकिन स्त्री की ओवरी और एड्रिनल ग्लैंड से सीमित मात्रा में इसका भी सिक्रीशन होता है। इसकी वजह से स्त्रियों के स्वभाव में कुछ मैस्कुलिन लक्षण जैसे- साहस, उत्साह, आक्रामकता और क्रोध आदि नजर आते हैं। इस हॉर्मोन की कमी और अधिकता दोनों ही नींद में बाधा पहुंचाती है।

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