बीपीएससी शिक्षक भर्ती-2 का परिणाम आज होगा जारी

पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) शिक्षक भर्ती के दूसरे चरण की परीक्षा का परिणाम आज शाम जारी हो जाएगा। सात दिसंबर को आयोजित प्रधानाध्यापक और मिडिल के विज्ञान और सामाजिक विज्ञान का परिणाम आज जारी हो जाएगा।

बता दें कि इन विषयों की परीक्षा के द्वितीय औपबंधिक उत्तर पर आपत्ति 20 दिसंबर तक स्वीकार की गई थी। विषय विशेषज्ञों की आपत्ति पर समीक्षा के बाद परिणाम प्रकाशन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। वहीं, दूसरे चरण में प्राथमिक व उच्च माध्यमिक के पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित परीक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा।

NIOS से डीएलएड की मान्यता समाप्त कर दी गई
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि नेशनल स्कूल आफ ओपेन स्कूलिंग (एनआइओएस) से प्राथमिक शिक्षा में 18 माह के डिप्लोमा (डीएलएड) की मान्यता समाप्त कर दी गई है।

जारी किया जाएगा औपबंधिक परिणाम
परीक्षा नियंत्रक (शिक्षक नियुक्ति) सत्यप्रकाश शर्मा ने बताया कि विद्यालय अध्यापक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम औपबंधिक जारी किया जाएगा। विस्तृत जानकारी आयोग की वेबसाइट https://www.bpsc.bih.nic.in/ पर अपलोड कर दी गई है।

परिणाम प्रकाशन के बाद प्रशासी विभाग द्वारा नियुक्ति के लिए काउंसिलिंग का आयोजन किया जाना है, इसमें आनलाइन आवेदन के समय समर्पित शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक अहर्ता संबंधी प्रमाण पत्रों की जांच मूल प्रति से की जाएगी।

दोनों में अंतर पाए जाने पर संबंधित अभ्यर्थी की पात्रता एवं परीक्षाफल स्वत: रद समझा जाएगा। अभ्यर्थी द्वारा अपलोड किए गए सभी दस्तावेज डाउनलोड करने पर उसमें स्वत: रजिस्ट्रेशन सहित वाटरमार्क अंकित रहेगा, जो पूर्व के वाटरमार्क से भिन्न है।

वाटर मार्क के बिना कोई प्रमाण पत्र मान्य एवं स्वीकार्य नहीं होगा। कोई नया प्रमाण पत्र अपलोड कर डाउनलोड कर जमा करने की व्यवस्था शिक्षा विभाग की अनुशंसा पर ही अब मान्य होगी।

दिव्यांगता की होगी जांच, दावा गलत होने पर कार्रवाई
अभ्यर्थियों के स्वास्थ्य, दिव्यांगता व आरक्षण से संबंधित प्रमाण पत्रों की जांच शिक्षा विभाग कराएगा। दिव्यांगता की जांच सक्षम मेडिकल कालेज अस्पताल, आइजीआइएमएस व एम्स पटना से कराई जानी है। दावा सही नहीं या निर्धारित मानक से कम दिव्यांग पाए जाने की स्थिति में संबंधित अभ्यर्थी कदाचार की श्रेणी में आएंगे। उनका परीक्षाफल स्वत: रद समझा जाएगा। उन पर कार्रवाई भी की जाएगी।

सफल होने के लिए न्यूनतम आहर्तांक अनिवार्य
परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि सफल होने के लिए कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा विभिन्न श्रेणी के लिए जारी न्यूनतम आहर्तांक प्राप्त करना अनिवार्य है। सामान्य श्रेणी के लिए 40 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 36.5 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 34 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति, महिला और दिव्यांग के लिए 32 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।

अंक समान होने पर चार टाइब्रेकर से निर्धारित होगी रैंक
आयोग ने वेबसाइट पर बताया कि मेधा सूची भाषा छोड़कर शेष 120 अंकों में प्राप्त अंक के आधार पर बनाई जाएगी। अंक समान होने पर चार स्तर पर टाइब्रेकर से रैंक का निर्धारण होगा। पहले टाइब्रेकर का मानक चयनित विषय (भाग तीन) में प्राप्त अंक होगा। दूसरा भाषा में प्राप्त अंक, तीसरा उम्र तथा चौथा देवनागरी लिपि में वर्णमाला के अनुसार नाम को वरीयता दी जाएगी।

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