लखनऊ। बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए में शामिल न होने पर विभिन्न दलों की ओर से की जा रही टीका टिप्पणी का गुरुवार को करारा जवाब दिया। साथ ही संकेत भी दिया की वह अभी विपक्षी गढ़बंधन में शामिल नहीं होने जा रही।
मायावती ने कहा कि इससे दूसरी पार्टियों को बचना चाहिए। भविष्य में जनहित में कब किस दल को किसी की जरूरत पड़ जाए, यह कहा नहीं जा सकता। तब शर्मिंदगी का सामना न करना पड़े इसलिए बेवजह की बयानबाजी से बचना चाहिए। भारी मतभेद के बावजूद वर्ष 2019 में सपा के साथ किए गए गठबंधन को भी उन्होंने याद दिलाया। मायावती के कहा कि सपा इसका जीता जागता उदाहरण है।
सांसदों के निलंबन को बताया गलत
वहीं संसद के दोनों सदनों के बड़ी संख्या में सांसदों के निलंबन को भी उन्होंने गलत बताया। मायावती ने कहा कि यह सरकार और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है कि सदन चले। इसका कसूरवार कोई भी हो लेकिन संसदीय इतिहास के लिए यह कोई अच्छा कीर्तिमान नहीं है।
वहीं संसद परिसर में निलंबित सांसदों द्वारा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल करने का वीडियो वायरल होने पर भी उन्होंने दुखद बताया। सरकार हुआ विपक्ष के बीच जबरदस्त टकराव लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। विपक्ष विहीन सदन में महत्वपूर्ण विधायक पास कराए जा रहे हैं जो उचित नहीं है।
संसद सुरक्षा चूक पर बोली मायावती
संसद की सुरक्षा में हुई सेंधमारी पर भी उन्होंने चिंता जताई और कहा कि भविष्य में ऐसी घटना ना हो इसके लिए खुफिया विभाग को सतर्क रहना चाहिए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बसपा को अयोध्या में अगले महीने राम मंदिर के उद्घाटन से कोई एतराज नहीं है। वह इसका स्वागत करती है। वहीं जब भी मस्जिद का उद्घाटन होगा तो वह उसका भी समर्थन करेंगी।बसपा धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और उनकी पार्टी सभी धर्म का सम्मान करती है। मगर पिछले कुछ वर्षों से धर्म के नाम पर की जा रही राजनीति ठीक नहीं है।