बिहार। बेगूसराय में घटना साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के एक गांव की है। घटना इसी साल होली के दिन आठ मार्च को हुई थी, जहां दो नाबालिग लड़कियों के साथ वहसी दरिंदों ने हैवानियत करते हुए सरकारी स्कूल के बाथरूम में गन्दा काम किया था। इसी मामले में शुक्रवार को पॉक्सो न्यायालय के विशेष न्यायाधीश महेश प्रसाद सिंह ने फैसला सुनाया है।
17 लोगों की हुई गवाही
इस मामले में अभियोजन के पक्ष से विशेष लोक अभियोजक कुमारी मनीषा एवं सूचक की पक्ष से राजधान बुखारी ने 17 गवाहों की गवाही कराई, जिसमें चार में से दो आरोपियों पर आरोप सिद्ध हो गया था। न्यायालय ने साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र निवासी बबलू महतो और राजकुमार महतो को आजीवन कारावास की सजा मुकर्रर की है। दो अन्य आरोपी हरदेव महतो एवं रोहन महतो को संदेह का लाभ देकर 18 दिसम्बर को रिहा कर दिया था।
क्या लिखा है आदेश पत्र में
आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि दोनों आरोपियों को जिंदा रहने तक जेल में ही रहना होगा। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि दुष्कर्म कांड के दोनों पीड़िताओं को डालसा के द्वारा 10-10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। यह मुआवजा राशि पीड़िता के बैंक खाता में जमा किया जाएगा और उसके बालिग होने पर उसे प्राप्त होगा। पोक्सो कोर्ट ने जिलाधिकारी को भी इस संबंध में आदेश दिया। पुलिस अधीक्षक को दोनों पीड़िता एवं उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया गया। साथ ही कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक को आदेश दिया है कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला पदाधिकारी के माध्यम से बिहार सरकार को प्रस्ताव भेजकर दोनों पीड़िताओं को अलग से सहयोग राशि उपलब्ध कराने की प्रकिया की जाय।
इन धाराओं में हुई है सजा
पोक्सो कोर्ट ने दोनों आरोपितों को पॉक्सो एक्ट की धारा-5 (M) एवं 6 तथा भारतीय दंड विधान की धारा-376 (D), 354 (B) और 324 में दोषी करार दिया है, जिसमें पॉक्सो एक्ट की धारा-5 (M) में पांच साल कारावास तथा धारा-6 में आजीवन कारावास की सजा एवं 50 हजार रुपया जुर्माना लगाया। भादवि की धारा-324 में तीन साल की जेल एवं दस हजार रुपये जुर्माना किया गया।