तिलोई अमेठी। अवारा पशु किसानों की फसलों के लिए ग्रहण बन चुके आवारा पशुओं के आतंक ने किसानों का सुख चैन छीन लिया है। इस गंभीर समस्या के निदान के लिए सरकार द्वारा गोशाला खुलने के बाद भी समस्या का हल नहीं निकल सका। जिससे रबी की फसल के वक्त किसान आवारा पशुओं की धमा चौकड़ी से परेशान हैं। निराश किसान स्वयं दिन रात एक कर पहरेदारी करने के लिए मजबूर हो चुका है।
किसानों के लिए आवारा पशु मुसीबत बन गये हैं। वनरोज के अलावा, आवारा मवेशियों का झुंड फसलों को चौपट कर रहा है। जीतोड़ मेहनत से लगाई गयी फसलों पर कभी वनरोज हमला करते हैं तो कभी गाय, बैलों का झुंड फसल चर जाता है। किसान परेशान हैं और हाथ में लाठी लेकर सर्द रातों में फसल ताकने पर मजबूर हो गए हैं। तिलोई तहसील क्षेत्र के बिराज गोकुला, अलाईपुर, चेतरा बुजुर्ग, चेतरा खुर्द, शाहमऊ , बहादुरपुर इन्हौना , राजा फतेहपुर, शिवरतनगंज , सेमरौता रामपुर पवारा कुकहारामपुर रामपुर, अंगुरी, सातनपुवा , अहोरवा भवानी, सिंहपुर, सराय माधव, सराय गोपी सढिया, पूरे भरही दलसरैया चिलौली जिजौली, आजादपुर, कैथागाव, पनहौना आदि गांवों में आवारा पशुओं की बढ़ी संख्या फसलों पर हमला कर रही है। कई बार किसान आस-पास की गोशालयों में पशुओं को बंद भी करवा चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।