उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में योगी कैबिनेट ने मंगलवार को फैसला किया है कि रेलवे और मेट्रो स्टेशनों पर प्रीमियम ब्रांड की शराब बेची जाएगी. सरकार के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है. सपा नेता ने कहा कि क्या 1 ट्रिलियन की इकॉनमी बनाने के लिए अब सिर्फ यही रास्ता बचा है?
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा- उप्र भाजपा सरकार के पास 1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए क्या यही एक रास्ता बचा है कि शराब रेलवे, मेट्रो स्टेशन व क्रूज़ पर बेची जाए. इसका मतलब ये हुआ कि लाखों-करोड़ों के निवेश के जो भी दावे किए गए थे, वो सब झूठे साबित हुए हैं, तभी तो सरकार ऐसे अनैतिक रास्तों को अपना रही है. आज शराब बिक रही है कल को दूसरे और भी मादक पदार्थ सार्वजनिक जगहों पर बेचे जाएंगे.
स्थलों को अराजकता और अपराध का केंद्र न बनाएं
उन्होंने लिखा- अगर भाजपाई समझते हैं कि शराबखोरी इतनी ही अच्छी है तो अपने कार्यालयों से बेचें, सार्वजनिक स्थलों को अराजकता और अपराध का केंद्र न बनाएं.
पूर्व सीएम ने लिखा- सरकार ऐसे फ़ैसलों से घर-परिवार को बर्बाद न करे. महिलाएं और बच्चे जानते हैं कि शराब किस प्रकार घरेलू हिंसा से लेकर सार्वजनिक हिंसा का कारण बनती है और युवाओं के लिए घातक साबित होती है. इस फ़ैसले के विरोध में उप्र की महिलाएँ, परिवारवाले और युवा, भाजपा को हटाने का फ़ैसला करेंगे.
करहल से विधायक अखिलेश ने लिखा- शराब और अपराध का गहरा संबंध होता है. ये भाजपा राज में अपराध के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस के ज़ीरो हो जाने का एक और उदाहरण बनेगा.
सरकार ने लिया है ये फैसला
बता दें योगी सरकार की कैबिनेट ने मंगलवार को आबकारी पॉलिसी को नए संशोधनों के साथ 1अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक लागू किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
नए पॉलिसी मे 4 श्रेणी होंगी. अब (25%,36% स्ट्रेंथ की मदिरा) अब शीरे से निर्मित होगी. वहीं ग्रेन निर्माण मदिरा मे अब 42.8% स्ट्रेंथ के साथ 36% स्ट्रेंथ की मंजूरी दी गई है. इसके अलावा देशी शराब के कोटे को 10% बढ़ाया गया है