नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज तकनीक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है, जैसा पहले कभी नहीं हुआ था। ऐसे में भारत का लक्ष्य होना चाहिए कि उसे तकनीक आयात न करनी पड़े या उसके लिए किसी दूसरे पर निर्भर न रहना हो। हमारा लक्ष्य देश को तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का होना चाहिए। प्रधानमंत्री मंगलवार को स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2023 के ग्रैंड फिनाले के प्रतिभागियों को वर्चुअल संबोधित कर रहे थे।
रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता
रक्षा क्षेत्र का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, आज भारत रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता के लिए काम कर रहा है। लेकिन अभी भी रक्षा तकनीक से जुड़ी कई ऐसी चीजें हैं जिनको हमें आयात करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इसी तरह हमें अपनी उत्पादक क्षमता बढ़ाने के लिए सेमीकंडक्टर और चिप तकनीक में भी आत्मनिर्भर बनना होगा। क्वांटम तकनीक और हाइड्रोजन ऊर्जा जैसे क्षेत्रों को लेकर भी भारत की आकांक्षा बहुत ऊंची है। सरकार ऐसे सभी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। लेकिन इसकी सफलता आप जैसे युवाओं की सफलता पर निर्भरत करती है।
भारत पर दुनिया की नजर
प्रधानमंत्री ने कहा, 21वीं सदी का भारत जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है। आज पूरी दुनिया की नजर भारत के प्रतिभाशाली युवाओं पर टिकी है। दुनिया में भारत के पास सबसे ज्यादा प्रतिभाओं का भंडार है। दुनिया को यह भरोसा है कि भारत वैश्विक चुनौतियों के लिए सस्ती, अच्छी, टिकाऊ और मापनीय समाधान प्रदान कर सकता है। पीएम ने कहा, हमारे चंद्रयान मिशन ने विश्व की उम्मीदों को कई गुना बढ़ा दिया है। आपको इन उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए, अलग-अलग क्षेत्रों में नई टेक्नोलॉजी को इनोवेट करना है। आपको देश की आधुनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी दिशा तय करनी है।
हमारा प्रयास भारत की नींव मजबूत करेगा
पीएम ने दोहराया कि भारत के अमृत काल के अगले 25 वर्ष युवा नवप्रवर्तकों के लिए एक निर्णायक अवधि होगी। आज हम समय के एक ऐसे मोड़ पर हैं, जहां हमारा प्रयास अगले हजार साल के भारत की नींव को मजबूत करेगा। यह अनूठा समय है। कई पहलू एक साथ जुड़े हैं। आज भारत सबसे युवा देशों में से एक है। यहां स्थिर और मजबूत सरकार है। आज भारत की अर्थव्यवस्था रिकॉर्ड तेजी से आगे बढ़ रही है। आज देश में विज्ञान और तकनीक पर अभूतपूर्व बल दिया जा रहा है।
विदेशी छात्रों को मिलेगी मदद
पीएम ने रेलवे कार्गो के लिए आईओटी आधारित प्रणाली का निर्माण करने वाले एनआईई मैसूर के सोइकत दास और प्रोतिक साहा से बातचीत की। उन्होंने कहा कि उनके प्रयास से भारतीय रेलवे को लाभ होगा, जो एक परिवर्तनकारी चरण से गुजर रहा है। लॉजिस्टिक्स फोकस क्षेत्र है और उम्मीद है कि भविष्य में बांग्लादेश से कई और छात्र भारत आएंगे। ‘स्टडी इन इंडिया’ कार्यक्रम ऐसे छात्रों की मदद करेगा। दरअसल, इस टीम में बांग्लादेश और भारत दोनों देशों के छात्र मिलकर तकनीक इजाद करने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हैकथॉन उनके लिए भी सीखने का अवसर है और वह प्रतिभागियों के साथ बातचीत करने के लिए हमेशा उत्सुक रहते हैं।
12 हजार प्रतिभागी हो रहे शामिल
स्मार्ट इंडिया हैकथॉन के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर संस्करण के ग्रैंड फिनाले के लिए देशभर में 48 नोडल सेंटर बनाए गए हैं। प्रतियोगिता में 23 मंत्रालयों की 231 दिक्कतों का समाधान के अलावा तकनीक भी इजाद की जाएगी। इसमें 12 हजार प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। प्रत्येक विजेता टीम को प्रति प्रॉब्लम स्टेटमेंट 1 लाख रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। जबकि कुल पुरस्कार राशि 2 करोड़ रुपये से अधिक है।